
बिहार की राजनीति जाति के इर्दगर्द ही घूमती है। लेकिन जातिवादी राजनीति को लेकर इस बार कांग्रेस ने सारी हदें तोड़ दी है। पटना में पहली बार जगह-जगह ऐसा पोस्टर और हॉर्डिंग देखा जा रहा है जिसमें नेताओं के नाम तस्वीर और उनकी जाति का विवरण दिया है ।
कौन किस जाति हैं इसका पूरा विवरण है
बिहार कांग्रेस में लंबे अर्से के बाद नई कमिटी का गठन किया गया है. प्रदेश अध्यक्ष, अभियान समिति के अध्यक्ष समेत चार कार्यकारी अध्यक्ष और जंबोजेट कार्यसमिति का गठन किया गया है. हालांकि ज्यादातर नेताओं की जाति का ढ़िढ़ोरा पहले ही पीटा जा रहा था. लेकिन लोगों के मन में शक ना रहे इसके लिए अब बकायदा पोस्टर लगाया जा रहा है.
होर्डिंग में बताया जा रहा है कि मदनमोहन झा ब्राह्मण हैं तो अखिलेश सिंह भूमिहार. और तो और इसमें पार्टी के राष्ट्रीय प्रभारी को भी समेट लिया गया है. गुजरात के रहने वाले शक्ति सिंह गोहिल की जाति बतायी गयी है कि वे राजपूत हैं. गुजरात के ही नेता और बिहार के सह प्रभारी अल्पेश ठकोर की भी जाति होर्डिंग लगा कर बतायी जा रही है.
बिहार की पॉलिटिक्स में जाति सबसे बड़ा सच माना जाता रहा है. लेकिन सड़क पर जाति का खुला प्रदर्शन पहले किसी पार्टी ने शायद की किया हो. कांग्रेस ने नयी शुरूआत कर दी है. पब्लिक को ये बताया जा रहा है कि नाम के पीछे लगे सरनेम से अगर जाति समझ में नहीं आ रही हो कोई बात नहीं. होर्डिंग-पोस्टर देख कर जान लो कि हमारी पार्टी में कौन किस जाति का नेता है. बिहार में लालू के वोट बैंक के ही सहारे चल रहे कांग्रेस को जाति की ये राजनीति कहां तक पहुंचायेगी ये देखने की बात होगी.