बिहारशरीफ के सर्किट हाउस में आग लगने से अफरातफरी मच गई । सर्किट हाउस में आग लगने की खबर जैसे ही बाबा रामदेव के प्रशंसकों को मिली वे परेशान हो गए। क्योंकि बाबा रामदेव यहीं ठहरे हुए थे। हर कोई ये जानना चाह रहा था कि बाबा रामदेव सुरक्षित हैं या नहीं। दरअसल, आग सर्किट हाउस की पुरानी बिल्डिंग में लगी थी। जहां बड़ी संख्या में योगगुरू बाबा रामदेव के समर्थक ठहरे थे। जबकि बाबा रामदेव नई बिल्डिंग में ठहरे थे। जब लोगों को ये पता चला कि आग पुरानी बिल्डिंग के मीटर रूम मे लगी है तब जाकर माहौल शांत हुआ। हालांकि आग की वजह से पुरानी बिल्डिंग में ठहरे बाबा के समर्थक परेशान थे। क्योंकि मीटर रूम सीढ़ी के पास है ऐसे में आग की वजह से लोग सीढ़ियों से उतर कर सुरक्षित स्थान पर जा नहीं पा रहे थे। आग लगने की खबर दमकल विभाग को दी गई लेकिन दमकल की गाड़ियां करीब आधे घंटे बाद वहां पहुंची और आग पर काबू पाया गया। लेकिन इस दौरान फायर ब्रिगेड की भी पोल खुल गई। क्योंकि दमकल विभाग के पास न तो फोम और ना ही बालू था और बिजली की आग बुझाने पहुंच गए थे। आपको बता दें कि बिजली की आग में पानी नहीं डाला जाता है क्योंकि पानी बिजली का सुचालक होता है इससे आग बुझने के बजाय और बिजली का करंट दूसरी जगह तक पहुंच जाता है। इस बीच आग पर काबू पाने के लिए बिजली काट दी गई। बताया जा रहा है कि ज्यादा गर्मी होने की वजह से मीटर रूम में शॉर्ट सर्किट हो गया जिसकी वजह से आग लग गई । गनीमत रही कि आग ज्यादा नहीं फैला और बाबा रामदेव और उनके समर्थक सुरक्षित रहे। लेकिन ये घटना अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई
पहला सवाल- अगर कोई बड़ा हादसा हो जाता तो क्या होता?
दूसरा सवाल- आग विकराल रूप ले लेता तो दमकल विभाग कैसे काबू पाता?
तीसरा सवाल- बिना हथियार के ही दमकल की गाड़ियां कैसे पहुंची ( यानि बिना बालू और फोम के)
चौथा सवाल- दुनिया भर में मशहूर योग गुरु बाबा रामदेव के सामने जिला की छवि कैसी बनी होगी ? साथ ही सूबे का नाम भी बदनाम हुआ होगा?