
घूसखोरी के आरोप में जिस दारोगा को गिरफ्तार किया गया था। वो ही पुलिस को चकमा देकर पुलिस कस्टडी से फरार होगा है। इस मामले में शक की सुई डीएसपी और सर्किल इंस्पेक्टर पर है। जिले के पुलिस कप्तान ने डीएसपी और सर्किल इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। गया जिला के चाकंद थाना के दारोगा पवन को घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पवन कुमार पर घूस लेकर दो शराब तस्करों को छोड़ने का आरोप था। जिसके बाद एसएसपी ने कार्रवाई करने का आदेश दिया था। एसएसपी के आदेश पर आरोपी दारोगा पवन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके पास से घूस में ली गई 1 लाख 16 हजार की रकम भी बरामद की गई। आरोपी दारोगा पवन कुमार को पूछताछ के लिए डीएसपी दफ्तर लाया गया। लेकिन पवन कुमार पुलिस को चकमा देकर यहां से फरार हो गया।
डेढ़ लाख में हुई थी डील
गया के चाकंद थाना इलाके में छापेमारी के दौरान पुलिस ने शराब से भरी एक बोलेरो के साथ 4 तस्करों को गिरफ्तार किया था। इसमें से दो शराब तस्कर चाकंद इलके के ही रहने वाले थे। ऐसे में बिचौलिए ने थाना प्रभारी पवन कुमार से संपर्क किया। दारोगा पवन कुमार ने चाकन्द के रहने वाले दोनों तस्करों के छोड़ने के बदले डेढ़ लाख रुपए मांगे। लेकिन बाद में काफी मान मनौव्वल के बाद 1 लाख 16 हजार में डील पक्की हुई। जिसके बादा आरोपी दारोगा पवन कुमार ने दो तस्कर को छोड़ दिया गया। जैसे ही इसकी सूचना एसएसपी को मिली तो वे खुद मामले की पड़ताल करने चाकन्द थाने पहुंच गए। थानाध्यक्ष के ठिकाने पर छापेमारी की गई तो एक लाख सोलह हजार की रिश्वत राशि बरामद हुई और आरोपी दारोगा को गिरफ्तार कर लिया गया
डीएसपी दफ्तर से दारोगा फरार
गया के एसएसपी राजीव मिश्रा दारोगा को लेकर डीएसपी दफ्तर पहुंचे। वहां दारोगा पवन कुमार से पूछताछ हुई। लेकिन इस बीच ही वो पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। एसएसपी ने इसके पीछे डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर और सर्किल इंस्पेक्टर का हाथ होने की आशंका जताई है। एसएसपी राजीव मिश्रा का कहना है कि दोनों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। दोषी पाए जाने पर दोनों को खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी के मुताबिक आरोपी दारोगा पवन कुमार ने शराब की खेप बरामद करने के बाद रिपोर्ट भी दर्ज नहीं किया था। उधर, पुलिस अब फरार आरोपी दारोगा औऱ दोनों तस्करों के साथ साथ उस बिचौलिए की भी तलाश कर रही है जिसने तस्कर और दारोगा में डील कराई थी।
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