
बिहारशरीफ के पुलपर की बड़ी दुर्गा महारानी का दरबार सज चुका है। जिलावासियों को हर साल इस बात की उत्सुकता रहती है कि इस बार बड़ी दुर्गा महारानी का दरबार कैसा होगा। तो ये जानकारी आपको नालंदा लाइव दे रहा है कि इस बार पुलपर का दुर्गा पंडाल चित्तौड़गढ़ के किले के जैसा होगा। जिसमें मां दुर्गा विराजमान होंगी।
पूजा पंडाल की खासियत आपको बताएंगे । लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं कि पूजा समिति के अध्यक्ष कंचन का क्या कहना है। कंचन का कहना है कि हर बार की तरह इस बार भी कुछ खास करने का प्रयास है। चितौड़गढ़ के किले में विराजमान मां बड़ी दुर्गा महारानी का दर्शन-पूजन कर भक्त अह्लादित होंगे। यहां आकर लोगों को अलग अहसास होगा

पंडाल की खासियत जानिए
पूजा पंडाल को चितौड़गढ़ किले का आकार देने में करीब 15 सौ पीस बांस, 12 सौ शीट थर्मोकोल, 200 सौ फीट लकड़ी का बीट का प्रयोग किया गया है। पंडाल को बनाने में डेढ़ माह से बंगाल के 16 कारीगर लगे हैं। 80 फीट ऊंचे और 27 फीट चौड़े किले में 9 तल्ले होंगे। खासियत यह कि प्रत्येक तल्ले में खिड़कीनुमा झरोखे बनेंगे। थर्मोकोल की कारीगरी का बेजोड़ नमूना दिखेगा। किले का रंग गेड़ुआ रहेगा। सबसे ऊपर में चार फीट लम्बा गुम्बज किले के आकर्षण में चार चांद लगायेगा। इसकी खूबसूरती लोगों को खूब भाएगी।
पुलपर की बड़ी दुर्गा महारानी के दर पर शारदीय नवरात्र के मौके पर हर कोई पूजा-अर्चना करने जरूर पहुंचते हैं। यूं कहिए पूरा शहर यहां उमड़ पड़ता है। मान्यता है कि माता रानी अपने भक्तों को कभी खाली हाथ नहीं लौटातीं। दशहरा मेले में यहां भक्तों की अपार भीड़ जुटती है।