बिहार में सबसे पहले ‘पेपरलेस’ होगी नालंदा पुलिस

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नालंदा पुलिस जल्द ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फर्राटा भरेगी. इसके लिए बिहार पुलिस ने TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस) से करार किया है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सबसे पहले नालंदा पुलिस और पटना पुलिस के लिए काम शुरू हुआ है। इन दो जिलों में काम अप्रैल 2019 तक पूरा कर लिया जायेगा। इससे साफ है कि बिहार में सबसे पहले पटना और नालंदा पुलिस ‘पेपरलेस’ होगी. यह सब काम क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) के माध्यम से हो रहा है.

अपराधियों के फिंगरप्रिंट का होगा डेटाबेस
अपराधियों के फिंगरप्रिंट का डेटाबेस होगा. कहीं के भी अपराधी की जानकारी उसके फिंगरप्रिंट से हो सकेगी. फिंगरप्रिंट डेटाबेस से सिर्फ 89 सेकेंड में अपराधी की पहचान हो सकेगी. थानों में गुंडा रजिस्टर, एफआईआर रिकॉर्ड आदि भी डिजिटल हो जायेगा. राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी एक थाने से दूसरे थाने में सूचना के आदान प्रदान में बहुत सुविधा व पारदर्शिता होगी. इससे पुलिस डायरी में हेरफेर करना मुश्किल होगा.

223 करोड़ की है परियोजना
सीसीटीएनएस परियोजना कुल 223 करोड़ रुपये की है. खास बात यह है कि काम पूरा होते ही मैनुअल काम बंद हो जायेगा. एफआईआर से लेकर किसी भी मसले पर रिपोर्ट लगाने तक की कार्रवाई ऑनलाइन की जायेगी. संबंधित व्यक्ति अपने काम की ट्रैकिंग भी कर पायेगा. खास बात यह है कि इसके तहत सबसे अधिक काम थानों के जिम्मे है. सभी थानों को इस बाबत निर्देश जारी किये जा चुके हैं. पुलिस मुख्यालय के सूत्रों की मानें, तो थानों के लिए सात तरह के फॉर्म तय किये गये हैं. इसके तहत आमजन को सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. इससे लोगों को सात तरह की सेवाएं ऑनलाइन मिलेंगी. वे शिकायत दर्ज करा सकेंगे.

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