नालंदा जिला में प्राइवेट नर्सिंग होम कुकुरमुत्ते की तरह फैलता जा रहा है. बिहारशरीफ में आपकी नजर जिधर भी जाएगी उधर आपको कोचिंग और नर्सिंग होम दिख जाएंगे. जहां सुविधाएं तो नदारद होगी लेकिन मरीजों से पैसे ऐठे जाते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां डॉक्टर के नाम पर नर्स ही महिला का ऑपरेशन कर रही थी.
क्या है पूरा मामला
मामला दीपनगर थाना के साठोपुर स्थित मोना हॉस्पीटल की है. स्वास्थ्य विभाग को इस अस्पताल की लगातार शिकायत मिल रही थी. जिसके बाद जिले के सिविल सर्जन डॉ राम सिंह अचानक मोना अस्पताल पहुंचे.
हालात देखकर अवाक रह गए
हॉस्पीटल के हालात देख सिविल सर्जन अवाक रह गए। अस्पताल में एक भी डॉक्टर नहीं था। वहीं ओटी में एक नर्स मरीज का ऑपरेशन करती मिली। वो भी एक गर्भवती महिला का सिजेरियन ऑपरेशन कर रही थी। इधर, मौका देखकर हॉस्पीटल के अन्य कर्मी फरार हो गए।
बिना पुलिस बल के छापेमारी करने गए थे
आश्चर्य की बात ये है कि सिविल सर्जन बिना पुलिस बल के हॉस्पीटल पर छापेमारी करने गए थे। उन्होंने एक नर्स को ऐसा ऑपरेशन करते देखा, जिसमें जच्चा-बच्चा दोनों की जान जा सकती थी, फिर भी गिरफ्तार नहीं कर सके। सिविल सर्जन ने बताया कि सारी रिपोर्ट डीएम योगेन्द्र सिंह को दी जाएगी। वे जैसा निर्देश देंगे, किया जाएगा।
बिना रजिस्ट्रेशन का चल रहा है अस्पताल
साठोपुर स्थित मोना हॉस्पीटल बिना निबंधन और डॉक्टर के संचालित हो रहा है। मरीजों की अच्छी भीड़ रहती है। जिनका इलाज नर्स व अन्य स्वास्थ्यकर्मी करते हैं। यहां तक की ऑपरेशन का भी साहस कर देते हैं। इसी शिकायत के आधार पर वे अचानक मोना हॉस्पीटल पहुंचे थे।
पहले भी हुई थी छापेमारी
आपको बता दें कि दो महीने पहले भी सिविल सर्जन डॉ राम सिंह ने ही मोना हॉस्पीटल में छापेमारी की थी। उस समय भी वहां पर कोई चिकित्सक नहीं मिले थे। जिसकी रिपोर्ट वरीय पदाधिकारी को दी गई थी लेकिन आज तक इस अस्पताल प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
खतरे में मरीजों की जान
जिले में प्राइवेट अस्पतालों के लगातार मिल रहे भयावह हालात किसी बड़े रैकेट की ओर इशारा कर रहे हैं। जिन पर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो कभी भी किसी मरीज को जान गंवानी पड़ सकती है।