
बिहार में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना से दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत हो गई है. लेकिन बिहार में कभी कोरोना माई की पूजा होती है. तो कभी बाबा के दर्शन के नाम पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जी उड़ाई गई. मंदिर बंद रहने बावजूद लोग बाबा के दर्शन करने बड़ी संख्या में पहुंचे
कोरोना पर भारी आस्था
कोरोना संकट पर आस्था भारी पड़ रही है, जिसकी बानगी रविवार को बिहारशरीफ प्रखंड के राजा कुआं स्थित संत बाबा के मंदिर में देखने को मिला। यहां बाबा की पूजा-अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। हालांकि, मंदिर प्रबंधन धार्मिक न्यास समिति द्वारा जारी किए गए निर्देश का पूरी तरह अनुपालन किया। मंदिर के द्वार को बंद रखा गया। बावजूद इसके लोग बाहर से ही संत बाबा की पूजा-अर्चना करते दिखे।
सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन
लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिग और मास्क लगाने की अपील की गई थी, मगर मंदिर परिसर में ऐसा कुछ नहीं दिखा। जब इस बार में श्रद्धालुओं से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि बाबा सभी की मुरादें पूरी करते हैं और कष्ट दूर करते हैं। ऐसे में इस मंदिर परिसर में कोरोना का असर नहीं होगा।
लालू यादव भी आते थे दर्शन करने
संत बाबा एक महान पुरुष थे जिनका यह समाधि स्थल है। इनकी ख्याति इतनी रही की बाबा के शरीर त्यागने के बाद उनको मानने वालों ने समाधि पर मंदिर का निर्माण करा दिया। आज इस मंदिर का दर्शन करने के लिए न केवल नालंदा बल्कि सूबे के अन्य जिलों से लोग आते हैं। खासकर प्रत्येक रविवार को इस मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के कुएं का जल और मिट्टी ले जाने से लोगों को कष्टों से छुटकारा मिलता है। संत बाबा के दर्शन के लिए अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में लालू प्रसाद यादव भी पहुंचे थे।