नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़कर अब एनडीए का हिस्सा हैं.. वे नौंवी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं. लेकिन बिहार की जनता के मन में एक ही सवाल है कि आखिर सबकुछ अच्छा चल रहा था तो आखिर ऐसा क्या हुआ कि नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया ? नीतीश कुमार ने लालू यादव की पार्टी का साथ क्यों छोड़ दिया ? नीतीश कुमार दोबारा एनडीए में शामिल क्यों हो गए ? इन सभी सवालों का जवाब खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दे दिया है । नीतीश कुमार ने तमाम कयासों पर भी पूर्ण विराम लगा दिया है ।
नीतीश कुमार ने क्या कहा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में हमलोग काम कर रहे थे और क्रेडिट आरजेडी वाले ले रहे थे.. हम विकास के लिए लगातार काम कर रहे, रोजगार की बात पहले से होती रही है। हम तो चाहते थे कि सब काम अच्छा से हो लेकिन कुछ काम करने पर भी वो लोग अकेले क्रेडिट ले रहे थे। अब हम अच्छी जगह आ गए हैं और मिलकर काम करेंगे।
तेजस्वी-लालू से नहीं पूछा
कहां क्या हो रहा है यह तो सब लोग जानता है। अब क्या पूछता छोड़ रही है क्यों पूछता छोड़ रही है यह तो सब कोई जानता है। व्यक्तिगत रूप से ना तो हमने लालू यादव से और ना ही तेजस्वी यादव से इस मामले में कोई सवाल पूछा है और ना ही उन लोगों ने कुछ बताया है। नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग पूरे बिहार के विकास के लिए हमेशा काम में लग रहे है और अभी भी लगे हुए हैं।
राहुल गांधी पर अटैक
राहुल गांधी की तरफ से कल जातीय जनगणना को लेकर उठाए गए सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि आप खुद सोच लीजिए इससे फालतू वह क्या बोल सकते हैं। यह सब काम तो हमने किया है ना उस समय तो राहुल गांधी दूसरे तरफ थे। अब कोई अपनी झूठ में अपना क्रेडिट लेते रहता है तो क्या ही कहा जा सकता है।
क्रेडिट की लड़ाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कितनी बहाली करवाई है. कितने लोगों को रोजगार दिया है। ये बात किसी से छुपी हुई नहीं है। ये सब मेरा सात निश्चय दो के तहत पहले से तय था। इसके बावजूद कोई खुद का काम बता रहा है तो फिर क्या ही उस पर कहा जा सकता है।
जंगलराज की याद दिलाई
तेजस्वी यादव के 17 महीने और 17 साल वाले बयान पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह सब फालतू बात है पहले कितने लोगों को रोजगार मिलता है। 2005 से पहले बिहार में कैसी पढ़ाई होती थी यह कोई भूल नहीं सकता है, इन लोगों का जब शासन था तब लोग शाम में 5:00 बजे के बाद घर से बाहर निकलने से परहेज करते थे। तेजस्वी यादव तो बच्चा थे उनको नहीं मालूम है उनको पूछना चाहिए।
इलाज के लिए पैसे
2005 से पहले किसी को इलाज के लिए पैसे मिलते थे क्या, हमारी सरकार आई तभी लोगों को इलाज के लिए पैसे देने की योजना लाई गई। उससे पहले क्या होता था वह किसी से छुपा हुआ नहीं है वह तो बच्चा है उसको अभी जानकारी नहीं है।