बिहार पुलिस को नया मुखिया मिल गया है। IPS अफसर राजविंदर सिंह भट्टी को बिहार का नया DGP बनाया गया है.. बिहार के DGP के तौर पर राजविंदर सिंह का कार्यकाल भी काफी लंबा है। क्योंकि, इनके रिटायर होने की तारीख 30 सितंबर 2025 है। उन्हें संजीव कुमार सिंघल की जगह बिहार का नया पुलिस महानिदेशक बनाया गया है। संजीव कुमार सिंघल का कार्यकाल 19 दिसंबर को खत्म हो गया है।
कौन हैं राजविंदर सिंह
राजविंदर सिंह भट्टी 1990 बैच के IPS अफसर है.. वे मूलत: पंजाब के रहने वाले हैं.. लेकिन उनकी पोस्टिंग बिहार कैडर में हुई थी। उनकी पहचान के कड़क पुलिस अफसर के तौर पर होती है। उन्होंने कई बाहुबलियों को धूल चटाई है।
नाम से कांपते हैं गुंडे
IPS आरएस भट्टी के नाम से मशहूर राजविंदर सिंह भट्टी का नाम सुनते ही गुंडे कांपने लगते हैं। पुलिस महकमे में चुस्ती आ जाती है.. क्योंकि भट्टी साहब जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करते हैं। उन्होंने एक दो नहीं कई बाहुबलियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है।
किन-किन गुंडों को जेल पहुंचाया
राजविंदर सिंह भट्टी ने शहाबुद्दीन, अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह और प्रभुनाथ सिंह को गिरफ्तार कर जेल पहुंचाया। साथ ही रणवीर सेना का शांत किया.. इन सब के बारे में अगले हिस्से में पढ़िएगा
नीतीश कुमार की पसंद हैं भट्टी
बिहार सरकार की तरफ से नए DGP के लिए कई नाम संघ लोकसेवा आयोग यानि UPSC को भेजे गए थे। जहां से तीन नाम फाइनल हुआ। जिसमें वरिष्ठता के आधार पर सबसे आगे 1988 बैच के IPS मनमोहन सिंह का नाम था,उसके बाद दूसरा नाम 1989 बैच के IPS और बिहार पुलिस में DG ट्रेनिंग आलोक राज का था। फिर लिस्ट में तीसरा महत्वपूर्ण नाम राजविंदर सिंह भट्टी का था और मुख्यमंत्री ने आरएस भट्टी के नाम पर अपनी मुहर लगाई ।
BSF में ADG पद पर थे
राजविंदर सिंह भट्टी इससे पहले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (Central Deputation) पर थे और सीमा सुरक्षा बल (BSF)के पूर्वी कमांड के ADG के पद पर तैनात थे। उन्हें 31 अगस्त 2021 को बीएसएफ में अतिरिक्त महानिदेशक (Additional Director General) के पद पर नियुक्त किया गया था।
AAI में CVO रहे
बीएसएफ में अतिरिक्त महानिदेशक (Additional Director General) पर नियुक्ति से पहले वे वे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Airports Authority of India) में मुख्य सतर्कता अधिकारी (Chief Vigilance Officer )के तौर पर तैनात रहे। उनकी नियुक्ति 2017 में मुख्य सतर्कता अधिकारी के तौर पर की गई थी। लेकिन उन्हें दो सेवा विस्तार दिया गया था
CBI में संयुक्त निदेशक
साल 2017 से पहले वे CBI में ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर रहे। केंद्रीय खुफिया एजेंसी ( Central Bureau of Investigation (CBI) में संयुक्त निदेशक के पद तैनाती के दौरान उनके अंतर्गत कई विभाग थे जिसे Multi- Disciplinary Monitoring Agency (MDMA) कहा जाता है.. इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले की भी जांच की।