बिहार के इतिहास में पहली बार हुआ है जब बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक होने की वजह से रद्द की गई हो। बीपीएससी की ये कलंक कथा मौजूदा चेयरमैन आरके महाजन यानि रजनीश कुमार महाजन के दौर में हुआ है । इसे लिए विपक्ष सरकार पर हमलावर है तो वहीं, छात्रों में भारी आक्रोश है। सोशल मीडिया पर तो आयोग का नाम ‘बिहार लीक सेवा आयोग’ ट्रेंड कराया जा रहा है। जिससे आयोग ही नहीं पूरे बिहार की बदनामी हो रही है । ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वो महाजन कौन है जो लगातार छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करता रहा है? इनका सत्ता से कनेक्शन जानकर शायद आप कहेंगे कि ये तो होना ही था ?
इनका पूरा नाम रजनीश कुमार महाजन है। जो बिहार लोकसेवा आयोग के मौजूदा चेयरमैन हैं । उनकी ताजपोशी रिटायरमेंट से पहले ही कर दी गई थी और कहा गया था कि यह काफी सख्त और ईमानदार अफसर हैं।लेकिन उनके कार्यकाल में BPSC पर 73 साल के इतिहास का सबसे बड़ा कलंक लगा
आरके महाजन हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं औरक 1987 बैच के IAS अफसर हैं । आरके महाजन बिहार लोक सेवा आयोग के चेयरमैन बनने से पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे। 31 अगस्त 2020 को वो रिटायर हो गए। उसी दिन सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर उनको 1 सितंबर 2020 से चेयरमैन बना दिया। उनका कार्यकाल पद संभालने की तिथि से 6 साल या 62 वर्ष की उम्र सीमा (इन दोनों में जो पहले हो) तक है।
महाजन जब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे तब ही आंदोलन और काफी हंगामे के बाद शिक्षा विभाग ने छठे चरण की शिक्षक बहाली की प्रक्रिया शुरू की। जून 2019 में शुरू हुई 1.20 लाख टीचरों (प्राइमरी+ हाईस्कूल) की बहाली तय समय पर भी पूरी नहीं हुई, लेकिन उनको रिटायरमेंट का प्लान चेयरमैन बनाकर दे दिया गया। शिक्षक बहाली प्रक्रिया अब मार्च 2022 में करीब-करीब जाकर पूरी हुई है।
2015 में लालू यादव की RJD के सत्ता में वापस लौटते ही कुछ अधिकारियों का ट्रांसफर हुआ था। तब चर्चा थी कि लालू के इशारे पर उनके बेटों के विभाग में उनके विश्वस्त अफसरों को तैनात किया गया है। उसमें नाम आरके महाजन का भी था। तब उनको शिक्षा विभाग से हटाकर स्वास्थ्य विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया था। उस वक्त लालू के बड़े लाल तेज प्रताप स्वास्थ्य मंत्री हुआ करते थे।
केंद्र में UPA के पहले शासनकाल के दौरान महाजन रेल भवन में जन शिकायत कोषांग के कार्यकारी निदेशक थे। उस वक्त के रेल मंत्री लालू प्रसाद थे।
दरअसल, बिहार में 802 पदों के लिए रविवार दोपहर 12 बजे से 2 बजे BPSC की प्रारंभिक परीक्षा हुई। 38 जिलों के 1083 केंद्रों पर परीक्षा ली गई। पहली बार सभी 38 जिलों में केंद्र बनाए गए थे। इससे पहले अधिकतम 35 जिलों में केंद्र बनाए गए थे। एग्जाम के पहले ही सोशल मीडिया पर सी सैट का पेपर वायरल हो गया। इसके बाद एग्जाम को कैंसिल करना पड़ा।
तीन चेयरमैन जा चुके हैं जेल
आयोग पर सवाल खड़े करने के साथ-साथ सरकार का बचाव करते हुए BJP नेता सुशील मोदी ने कहा, ‘पिछले 15 वर्षों में BPSC ने अपनी साख पहले से जरूर बढ़ाई है, क्योंकि लालू राज में इसके तीन-तीन चेयरमैन जेल जा चुके हैं।’ लगातार 6 ट्वीट कर उन्होंने लिखा है, ‘लालू-राबड़ी राज में भ्रष्टाचार के कारण BPSC के तीन पूर्व अध्यक्षों- प्रो. राम सिंहासन सिंह, डॉ. रजिया तबस्सुम और डॉ. लक्ष्मी राय को जेल जाना पड़ा था।’
लालू-राबड़ी राज में भ्रष्टाचार के कारण बीपीएससी के तीन पूर्व अध्यक्षों- प्रोसेसर रामसिंहासन सिंह, डा.रजिया तबस्सुम और डा. लक्ष्मी राय को जेल जाना पड़ा था।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 9, 2022
तेजस्वी-चिराग ने बोला हमला
पेपर लीक होने के बाद छात्र संगठनों, तेजस्वी यादव और चिराग पासवान ने सरकार पर हमला बोला है। तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘बिहार के करोड़ों युवाओं का जीवन बर्बाद करने वाले बिहार लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर अब ‘बिहार लोक पेपर लीक आयोग’ कर देना चाहिए।’
जब #BPSC जैसे संस्थान का पेपर लीक हो रहा है तो फिर बाकी का क्या होगा? पेपर लीक को लेकर सदन में आवाज उठाई,लेकिन सरकार ने नहीं सुना।
जिन छात्रों ने बड़ी मेहनत से दूर से आकर परीक्षा दी, लेकिन परीक्षा रद्द हो गया।अब सरकार हर छात्र को 5 हज़ार मुआवजा दे।साथ ही दोषियों की गिरफ्तारी हो। pic.twitter.com/uYn8g4K1Pg
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 9, 2022
चिराग पासवान ने लिखा, ‘प्रदेश में इतना बड़ा पेपर लीक होना सरकार की नाकामी को दर्शाता है। आखिर कब तक बिहार के युवाओं के भविष्य के साथ ऐसे ही खिलवाड़ होता रहेगा। आज इस घटना ने पूरे देश में बिहार प्रदेश को शर्मसार कर दिया है।’
बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग का पेपर लीक होने की घटना चिंता का विषय है। प्रदेश में इतना बड़ा पेपर लीक होना सरकार की नाकामी को दर्शाता है। आखिर कब तक बिहार के युवाओं के भविष्य के साथ ऐसे ही खिलवाड़ होता रहेगा।
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) May 8, 2022
5 साल पहले BSSC इंटर स्तरीय परीक्षा का पेपर हुआ था लीक
BSSC (बिहार कर्मचारी चयन आयोग) इंटर स्तरीय परीक्षा का पेपर पांच साल पहले लीक हुआ था। इस मामले में तब के BSSC अध्यक्ष सुधीर कुमार, सचिव परमेश्वर राम, पेपर छापने वाले, प्रश्न पत्र सेट करने वाले से लेकर अध्यक्ष के कई परिजनों, IT मैनेजर समेत करीब तीन दर्जन को गिरफ्तार किया गया था। सुधीर करीब साढ़े तीन साल तक इस मामले में जेल में रहे थे। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें 6 अक्टूबर 2020 को जमानत मिली थी।