नालंदा में अंचल अधिकारी( CO )पर गिरी गाज… जानिए क्यों हुए सस्पेंड ?

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नालंदा जिला में एक अंचलाधिकारी यानि सीओ पर कार्रवाई हुई है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राजस्व अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है। भ्रष्टाचार के आरोप में अंचलाधिकारी पर ये कार्रवाई हुई है। उनपर सरकारी भूमि की गलत तरीके से दाखिल खारिज को मंजूरी देने का आरोप है ।

अंचलाधिकारी पर एक्शन
राजगीर अंचल में कार्यरत अंचलाधिकारी संतोष कुमार चौधरी पर कार्रवाई हुई है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने संतोष कुमार चौधरी को सस्पेंड कर दिया है। उनपर गलत तरीके से सरकारी भूमि की दाखिल खारिज करने की स्वीकृति देने का आरोप है।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, संतोष कुमार चौधरी पर एक नहीं कई सरकारी जमीन को गलत तरीके से दाखिल खारिज करने का आरोप है। जिन सरकारी जमीन का गलत तरीके से दाखिल खारिज किया गया । उसमें राजगीर में रेल विभाग की जमीन,राजगीर जिला परिषद की जमीन,बिहार धार्मिक न्याय परिषद के द्वारा निबंधित हसनपुर मठ की भूमि की जमीन शामिल है ।

नरसंहार वाली जमीन भी बेच डाला
बताया जा रहा है कि हसनपुर मठ की जिस जमीन को लेकर नरसंहार हुआ था उसका भी दाखिल खारिज करने की स्वीकृति दे दी गई ।

कई और मामले सामने आए
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भारत की प्राचीन स्मारकों तथा पुरातत्वी स्थलों और अवशेषों के रखरखाव की भूमि का गलत तरीके से जमाबंदी कायम करने के साथ 60 सालों का लगान रसीद भी जारी कर दिया था। इसके अलावा कटारी मौजा स्थित गैर मजरूआ आम भूमि का दाखिल खारिज करने की स्वीकृति देने का आरोप था ।

कई और कर्मचारी भी नपे
दरअसल, 23 नवंबर को नालंदा के जिलाधिकारी ने राजगीर के अंचलाधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की थी। राजगीर के सीओ संतोष कुमार चौधरी पर के खिलाफ जिलाधिकारी ने प्रपत्र ‘क’ गठित किया था। इसके अलावा नियमों की अनदेखी करने पर दो राजस्व कर्मी को सस्पेंड करने के साथ साथ एक राजस्व कर्मी की सेवा समाप्त कर दी गई थी।

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