‘फक्कड़’ के फेर में फंस गए RCP सिंह.. कौन हैं वो हेगड़े जिन्होंने निकाल दी हेकड़ी !

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केंद्रीय मंत्री RCP सिंह की राज्यसभा सीट फंस गई है। उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजा जाएगा या नहीं इस पर सस्पेंस बना हुआ है । इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है । दरअसल, JDU ने अनिल हेगड़े को राज्यसभा सांसद बनाया है । उन्होंने आज अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है । इस मौके पर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा भी मौजूद रहे। ऐसे में अब कयासों का बाजार गर्म है कि आरसीपी सिंह का क्या होगा? क्या पार्टी उन्हें राज्यसभा भेजेगी या नहीं ? कौन हैं अनिल हेगड़े जिन्हें नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह से ज्यादा तरजीह दी है । कौन हैं वो फक्कड़ जिनपर नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह से ज्यादा भरोसा जताया है ।

अनिल हेगड़े के बारे में शायद ही आम लोग जानते हों। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी सादगी के लिए ये इनाम दिया है। अनिल हेगड़े के पास बिहार में अपना कोई घर नहीं है। इसलिए वे पिछले साढ़े तीन साल से पटना में जेडीयू के पार्टी दफ्तर में ही रहते हैं । वे पार्टी के इतने समर्पित कार्यकर्ता हैं कि उन्होंने पार्टी के काम के लिए शादी तक नहीं की है । वे सुबह से लेकर शाम तक सिर्फ पार्टी के लिए ही जीते है

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20 मई 1960 में कर्नाटक प्रदेश उडुपी में जन्म लेने वाले अनिल हेगड़े ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस के साथ की थी। जेपी आंदोलन से लेकर जब तक जॉर्ज जीवित रहे तब तक उनके साथ ईमानदारी से रहे। बीच में जॉर्ज फर्नांडिस और नीतीश कुमार के संबंधों में खटास जरूर आई लेकिन, अनिल हेगड़े पार्टी के साथ ईमानदारी से बने रहे थे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ईमानदारी के साथ रहने का इनाम जेडीयू ने उन्हें दिया है। वजह साफ है कि अनिल हेगड़े पूरी तरह से संगठन के व्यक्ति हैं। संगठन पर उनकी पकड़ काफी ज्यादा है। चुनावी प्रक्रियाओं में माहिर और पार्टी के सभी पेपर वर्क को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी अनिल हेगड़े पर ही है।

कर्नाट के मंगलोर के रहने के बावजूद बिहार जैसे राज्य की राजनीति को अनिल हेगड़े बखूबी जानते और समझते हैं। अनिल हेगड़े जेडीयू के केंद्रीय कार्यालय दिल्ली में रहते थे, लेकिन पिछले साढ़े तीन साल से पटना के जेडीयू कार्यालय में रहते हैं। इन्होंने कोई आवास नहीं लिया है। यह पार्टी में ही एक कमरे में रह लेते हैं। सुबह से ही JDU के लिए काम करते हैं। इसी ईमानदारी और सादगी को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह निर्णय लिया है कि इस बार राज्यसभा सदस्य के लिए अनिल हेगड़े जाएंगे।

अनिल हेगड़े को राज्यसभा भेजने के नाम JDU के नेताओं में काफी खुशी है। खासकर के उन कार्यकर्ताओं में जो समता पार्टी के समय से लगातार पार्टी के लिए काम कर रहे है।नालंदा लाइव के साथ बातचीत के दौरान कई नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार ने एक बार फिर साबित किया है कि उनकी पार्टी विथ डिफरेंस के लिए जानी जाती है। इस दौर में जब सभी पार्टियां धनपशुओं के पीछे भाग रही है वही, JDU ने महान फैसला लेते हुए पार्टी के एक कर्मठ और ईमानदार व्यक्ति को राज्यसभा भेजकर बड़ी लकीर खींच दी है।

लेकिन वहीं आरसीपी सिंह को लेकर पार्टी में घमासान मचा है । दरअसल, जून में ही आरसीपी सिंह का कार्यकाल खत्म हो रहा है । ऐसे में पार्टी के पास एक और विकल्प है कि उस सीट पर आरसीपी सिंह का नाम घोषित किया जा सके । या आरसीपी सिंह अगले छह महीने तक मंत्री रह सकते हैं उसके बाद उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ेगा ।

आपको बता दें कि आरसीपी सिंह के खिलाफ ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा ने मोर्चा खोल रखा है । ऐसे में आखिरी फैसला नीतीश कुमार को लेना है । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस पर फैसला अगले एक दो दिन में लिया जा सकता है

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