
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं। लेकिन सच ये है कि आज भी सरकारी दफ्तरों में चढ़ावे के बिना कोई काम नहीं होता है। हालात ये हैं कि बड़े बड़े अफसर भी अपने दफ्तर में रिश्वतखोरी पर लगाम लगाने में लाचार नजर आ रहे हैं । ताजा मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा का है ।
क्या है पूरा मामला
बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में युवाओं से मेडिकल बनाने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है । इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है । लेकिन अस्पताल के सबसे बडे़ अधिकारी इसे रोकने में लाचार हैं । हालात ये है कि वे अपने कर्मचारियों पर कार्रवाई के बजाय आम लोगों पर ही दोष मढ़ रहे हैं।
अवैध वसूली का धंधा
दरअसल,अलग-अलग भर्तियों के लिए युवाओं को मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत होती है । इसके लिए सदर अस्पताल में एक काउंटर है जहां युवाओं का मेडिकल या फिटनेस सर्टिफिकेट बनाया जाता है । इसके नाम पर युवाओं से 250 रुपए से लेकर 500 रुपए तक की अवैध वसूली की जा रही है।
वीडियो में क्या दिख रहा है
Nalanda Live को मिले वायरल वीडियो में दिख रहा है कि एक युवक मेडिकल बनाने के लिए सुरेश नामक कर्मचारी को 500 रुपए दिया है। काम होने के बाद वो 50 रुपए लौटाता है। जिसपर युवक कहता है कि कितना पैसा लौटा रहे हैं । जिसपर कर्मचारी कहता है कि 250 रुपए लगते हैं । इसके बाद एक लड़की का मेडिकल सर्टिफिकेट बनाया जाता है । लड़की से अटेस्ट कराने के बाद सुरेश नामक कर्मचारी पैसे की मांग करता है । जिसके बाद वो 250 रुपए देती है । सुरेश पैसे लेकर पॉकेट में रख लेता है और बाद में आकर सर्टिफिकेट ले जाने को कहता है । इसके बाद काउंटर पर एक और लड़की आती है । उसका डॉक्यूमेंट सुरेश नामक कर्मचारी लेता है और फिर पैसे की मांग करता है । जिसपर लड़की 500 रुपए का नोट कर्मचारी को पकड़ाती है ।
सिविल सर्जन ने क्या कहा ?
सदर अस्पताल में मेडिकल रिपोर्ट बनाने का काम सिविल सर्जन कक्ष के बगल में वाले कमरे में किया जा रहा है । जहां स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा जमकर उगाही की जा रही है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। ऐसे में सिविल सर्जन से जब पूछा गया तो डॉक्टर सुनील कुमार ने कहा कि पैसे देने वाले पैसे दे रहे हैं। तो हम क्या करें? हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि पैसे लेने वालों को बुलाकर पूछताछ करेंगे और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे
Nalanda Live के सवाल
1. क्या सिविल सर्जन की जानकारी के बगैर सदर अस्पताल में वसूली का गोरखधंधा चल रहा है ?
2. अगर सिविल सर्जन को बगल के कमरे में क्या हो रहा है इसकी जानकारी नहीं तो फिर दूरदराज के प्राथमिक हेल्थ सेंटर पर होने वाली गड़बड़ियों की जानकारी कैसे होगी ?
3. क्या इस गोरखधंधे की जानकारी होने के बावजूद सिविल सर्जन जानबूझकर अंजान बने हुए हैं ?
4. बिना सिविल सर्जन के मिली भगत के खुलेआम ऐसे वसूली हो सकता है क्या ?
5.अगर बेरोजगारों से ऐसे वसूली होती है तो मेडिकल सामान खरीदने में कितना गोलमाल होता होगा ?