बिहार विधानसभा में सोमवार को जो हो वैसा अब तक कभी नहीं हुआ था। बिहार की राजनीति पर नज़र रखने वाले अचंभित हैं। हर गली मोहल्ले और नुक्कड़ पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्पीकर विजय सिन्हा के बीच हुई तीखी नोंकझोक की ही चर्चा है। हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि क्या बीजेपी और जेडीयू की राहें अलग होने वाली है ? आखिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने क्यों भड़क गए ? कुछ तो ऐसा है जो मुख्यमंत्री को अंदर तक चुभ गया है ?
क्या पटकथा के पीछे ललन सिंह हैं ?
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इस विवाद के पीछे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह हैं। ललन सिंह के नाक की लड़ाई में मुख्यमंत्री को कूदना पड़ा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक सदन में स्पीकर विजय कुमार सिन्हा को खरी-खोटी सुनाना पड़ गया ।
क्या है ललन सिंह की नाक की लड़ाई
दरअसल, पूरा मामला जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नीतीश कुमार के बेहद करीबी ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. सरकार और सियासत को समझने वाले लोग जानते हैं कि अपने संसदीय क्षेत्र में अधिकारियों की तैनाती को लेकर नेता कितने चूजी हैं. शायद इसीलिए जब स्पीकर ने डीएसपी और दो थानेदारों पर अपने साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया तो ललन सिंह कहीं न कहीं इन पुलिस पदाधिकारियों के पीठ पर जा खड़े हुए. लखीसराय के एक डीएसपी और दो थानेदारों के ऊपर विधानसभा अध्यक्ष से दुर्व्यवहार का आरोप लगा था. सरकार आरोपी डीएसपी और थानेदारों के ऊपर कोई एक्शन नहीं लेना चाहती. इसी वजह से सारा बवाल अब बेहद आगे बढ़ चुका है.
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ललन सिंह के लिए कुर्सी की कुर्बानी देने को तैयार
लखीसराय जिले के एक डीएसपी और दो थानेदारों को लेकर बीजेपी और जेडीयू के रिश्तो में खटास कितनी बढ़ चुकी है कि अब बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुर्सी तक आ पड़ी है. जेडीयू अब यह बताने या जताने से पीछे नहीं रह रहा कि किसी भी कीमत पर कुर्सी और सत्ता के लिए नीतीश नीति से समझौता करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तरह लखीसराय के सवाल पर सदन में नाराजगी जताई उसके बाद यह तय हो गया है कि सरकार यह क्लियर मैसेज देना चाहती है कि ना तो आरोपी डीएसपी को हटाया जाएगा और ना ही दोनों थानेदारों को इस मामले पर नीतीश कुमार भी ललन सिंह के साथ खड़े हैं और जेडीयू आर या पार की लड़ाई के लिए तैयार है.
ललन सिंह बनाम विजय सिन्हा
सियासी गलियारे में इस बात की भी चर्चा है कि लखीसराय से ही विधायक निर्वाचित होकर विधानसभा अध्यक्ष बने विजय कुमार सिन्हा अक्सर ललन सिंह के करीबी पदाधिकारियों पर नजर टेढ़ी किए रहते हैं. इसके पहले भी एक पुलिस पदाधिकारी का तबादला हो चुका है. लेकिन इस बार दुर्व्यवहार का आरोप लगने के बावजूद ललन सिंह पुलिस पदाधिकारियों तो बैकअप देते नजर आ रहे हैं. चर्चा इस बात की है कि स्थानीय सांसद ने इन अधिकारियों को कह दिया है कि वह अपना काम करें और उन्हें कोई भी पद से हटाने की सकता यह सारा मामला अब नाक की लड़ाई बन चुका है लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को सदन में जो कुछ किया उसके बाद अब यह बात भी तय मानी जा रही है कि ललन सिंह इस मसले पर अब पीछे हटने वाले नहीं हैं. ऐसे में बीजेपी पूरी तरीके से खड़ी हो पाएगी, क्या बीजेपी के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बात के लिए तैयार कर पाएगी कि लखीसराय के डीएसपी और दो थानेदारों को हटा दिया जाए. यह देखना बेहद दिलचस्प होगा.