
कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस ने भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है । ब्लैक फंगस की वजह से नालंदा जिला में पहली मौत हुई है । जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टेंशन बढ़ गई है । कोरोना संक्रमण के बाद मृतक को ब्लैक फंगस हुआ था
ब्लैक फंगस से मौत
नालंदा जिला के रहुई प्रखंड के सिहुली गांव में ब्लैक फंगस से मौत हुई है। मृतक को पहले कोरोना हुआ था। कोरोना से ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस से संक्रमित हो गए थे। जिसके बाद उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। पटना एम्स में करीब पांच दिन तक भर्ती रहने के बाद डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था।
पहले कोरोना संक्रमित हुए थे
सिहुली गांव के रहने वाले बिजेंद्र पासवान पहले कोरोना संक्रमित हुए थे। कोरोना से ठीक होने के बाद वे 16 मई को गांव लौट आए थे। तीन दिन बाद यानि 19 मई को को आंखों में दर्द होना शुरू हुआ था। आंखों में दर्द की शिकायत लेकर मृतक 22 मई को बिहारशरीफ के निजी क्लीनिक में इलाज के लिए गये । लेकिन, चिकित्सक ने मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) जांच के लिए पटना भेज था।
इसे भी पढ़िए-नालंदा में 288 पदों के लिए बंपर वैकेंसी.. सिर्फ इंटरव्यू से होगी भर्ती..
23 मई को पटना एम्स गए
23 मई को मृतक मरीज का एमआरआई जांच में आंख में ब्लैक फंगस पाया गया था। तब से मृतक का इलाज पटना एम्स में चल रहा था। गुरुवार को डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। इसके बाद परिजन रोगी को लेकर सिहुली गांव चले आए थे। जहां रात में उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके बाद शुक्रवार को परिजनों ने मृतक का दाह संस्कार बख्तियारपुर घाट पर किया। जिले में ब्लैक फंगस से यह पहली मौत है।
इसे भी पढ़िए-नालंदा में मिली अधजली लाश.. महिला के हाथ पांव बंधे थे
पटना में 11 नए मरीज मिले
राजधानी पटना के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 11 नए मरीजों को भर्ती कराया गया. जबकि दो लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि आईजीआईएमएस भर्ती एक मरीज की मौत हुई जबकि दूसरे ने एम्स में इलाज के क्रम में दम तोड़ा. फंगस इनके दिमाग तक पहुंच चुका था इसलिए डॉक्टर इन्हें नहीं बचा पाएं. पटना एम्स में शुक्रवार को तीन मरीजों का सफल ऑपरेशन किया गया. हालांकि आज चार मरीजों का ऑपरेशन होने वाला था लेकिन उनमें से एक मरीज में फंगस का इंफेक्शन नहीं होने की पुष्टि के बाद उसका ऑपरेशन नहीं किया गया. उधर एक मरीज स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज भी किया गया. आईजीआईएमएस में भर्ती मरीजों की संख्या 97 हो गई है.
डायबिटीज बड़ा कारण
डॉक्टर बता रहे हैं कि कोरोना के मरीजों में अनियंत्रित डायबिटीज ही ब्लैक फंगस का सबसे बडा कारण बन कर सामने आ रहा है. आईजीआईएमएस के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा के मुताबिक ब्लैक फंगस का शिकार बनने के बाद अस्पताल में भर्ती होने वाले अधिकांश मरीज ऐसे हैं जिनका शुगर लेवल अनियंत्रित था. डॉ विभूति ने कहा कि डायबिटीज पीडित कई लोग सिर्फ सुबह में ब्लड शुगर टेस्ट कर संतुष्ट हो जाते हैं. वे देखते ही नहीं खाने के बाद शुगर कितना बढ़ा. खाने के बाद उनका शुगर कंट्रोल से बाहर हो जाता है. वैसे लोग भी बडी तादाद में ब्लैक फंगस के शिकार बने हैं. डॉक्टर का कहना है कि डायबिटीज पीड़ित व्यक्ति अगर कोरोना संक्रमित होता है तो उसे बहुत सख्ती से अपने सुगर लेवल को कंट्रोल में रखना चाहिये.