अयोध्या जमीन विवाद: मध्यस्थता प्रक्रिया के बाद SC में आज पहली सुनवाई

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अयोध्या जमीन विवाद में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. ये सुनवाई 8 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता प्रक्रिया के आदेश के बाद पहली बार होगी.

संवैधानिक पीठ करेगी सुनवाई
अयोध्या जमीन विवाद मामले की सुनवाई संवैधानिक पीठ करेगी. जिसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड, अशोक भूषण और एस. अब्दुल नजीर शामिल हैं

सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थ कमेटी बनाई थी
आपको बता दें कि 8 मार्च को अयोध्या भूमि पर मालिकाना हक को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की इजाजत दे दी थी. मध्यस्थों की जो कमेटी बनी थी उनमें जस्टिस खलीफुल्ला, वकील श्रीराम पंचू और आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर शामिल हैं.इस कमेटी के चेयरमैन जस्टिस खलीफुल्ला हैं. इस कमेटी को 8 हफ्तों में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था. कोर्ट ने कहा था कि मध्यस्थता पर कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं होगी. फैजाबाद में बंद कमरे में मध्यस्थता होगी.

रविशंकर के नाम पर ओवैसी ने जताया था ऐतराज
मध्यस्थता कमेटी में श्रीश्री रविशंकर को शामिल किए जाने पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ऐतराज जताया था उन्होंने कहा था कि अब चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है, तो अब श्रीश्री रविशंकर को निष्पक्ष रहना होगा. उम्मीद है कि मध्यस्थ अपनी जिम्मेदारी समझेंगे.औवैसी के अलावा अयोध्या के साधुओं ने रविशंकर के नाम पर आपत्ति जताई थी. अयोध्या में हिंदू पक्षकार ने कहा कि कुल मिलाकर मामले को एक बार फिर से लटकाने का काम किया गया. उन्होंने धर्मगुरु श्रीश्री रविशंकर के नाम को खारिज करते हुए कहा था कि क्या अयोध्या के संत इस मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभाने के काबिल नहीं थे.उन्होंने कहा था कि रविशंकर इस मामले में मध्यस्थता करने वाले होते कौन हैं. अयोध्या के संतों ने कहा कि समझौता पक्षकारों को करना है, लेकिन इस पैनल में पक्षकार हैं ही नहीं.

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