देश की सर्वोच्च अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट से देश 8 राजनीतिक पार्टियों को बड़ा झटका लगा है । बिहार चुनाव में आपराधिक छवि वाले व्यक्ति को टिकट देने पर सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों पर कार्रवाई की है । साथ ही जुर्माना भी लगाया भी लगाया है ।
किन-किन पार्टियों पर कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने जेडीयू और आरजेडी समेत 8 राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाया है। इन राजनीतिक दलों पर अपने-अपने उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामलों को सार्वजनिक नहीं करने पर देश की शीर्ष अदालत ने कार्रवाई की है।
राजनीतिक पार्टियों पर जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक न करने के चलते 8 पार्टियों को अवमानना का दोषी मानते हुए जुर्माना लगाया है। अदालत ने सीपीएम और NCP पर 5-5 लाख का जुर्माना लगाया है। तो वहीं, जेडीयू, आरजेडी, एलजेपी, कांग्रेस, बीएसपी, सीपीआई पर 1-1 लाख का जुर्माना लगाया है।
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48 घंटे के भीतर दें जानकारी
उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक दलों अपने वेबसाइट के होम पेज पर ही आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों की जानकारी 48 घंटे के भीतर देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत ने कई बार कानून बनाने वालों को आग्रह किया कि वे नींद से जगें और राजनीति में अपराधीकरण रोकने के लिए कदम उठाएं। लेकिन, वे लंबी नींद में सोए हुए हैं।
बड़ी सर्जरी की जरूरत
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि कोर्ट की तमाम अपीलें बहरे कानों तक नहीं पहुंच पाई हैं। राजनीतिक पार्टियां अपनी नींद से जगने को तैयार नहीं हैं। कोर्ट के हाथ बंधे हैं। ये विधायिका का काम है। हम सिर्फ अपील कर सकते हैं। उम्मीद है कि ये लोग नींद से जगेंगे और राजनीति में अपराधीकरण को रोकने के लिए बड़ी सर्जरी करेंगे।
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चुनाव आयोग अलग से ऐप बनाए
अदालत ने चुनाव आयोग से अलग से मोबाइल एप बनाने को कहा है ताकि वोटर अपने मोबाइल फोन पर ऐसे उम्मीदवारों के बारे में जानकारी हासिल कर सके। सुप्रीन कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई राजनीतिक पार्टी आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारो के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने के इन दिशानिर्देश का पालन नहीं करती है तो चुनाव आयोग इस बारे में कोर्ट को सूचित करेगा ताकि उन राजनैतिक दलों पर अवमानना की कार्रवाई की जा सके।
अलग से सेल बनाने की आवश्यकता
अदालत ने चुनाव आयोग से आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के बारे में मतदाताओं के जानकारी के अधिकार के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाने को कहा है । इसके लिए अलग से एक फंड बनाया जाएगा,जिसमें अवमानना करने वालों से जुर्माना भी वसूला जाएगा। इसके लिए आयोग एक अलग से सेल बनाएगा, जो कोर्ट के दिशानिर्देश की मॉनिटरिंग करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दलों ने कम प्रसार वाले अखबारों में उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास की जानकारी छपवाई जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ज्यादा प्रसार वाले अखबारों और इलेक्ट्रानिक मीडिया में इसका प्रसार करें.