
बिहार में खाकी अपने कारिंदों की करतूत से शर्मसार है. जिन पुलिस वालों पर चोरों को पकड़ने की जिम्मेदारी होती है वे ही लुटेरों के दोस्त निकले. वारदात ऐसी है कि जो कोई सुन रहा है वो सब थू-थू कर रहा है । लूट की पूरी कहानी पढ़कर सन्न रह जाएंगे आप. हालांकि थानेदार समेत पांचों पुलिस वाले को गिरफ्तार कर लिया गया है और सस्पेंड कर दिया गया है
क्या है पूरा मामला
राजधानी पटना में 18 लाख 41 हजार रुपए की लूट हुई थी. बदमाशों ने 15 जुलाई को नौबतपुर थाना क्षेत्र के गोआए गांव के पास दो बाइक पर सवार बदमाशों ने कैश मैनेजमेंट कंपनी की पिकअप वैन लूट ली थी, जिसमें 18.41 लाख रुपये के सिक्के थे।अब इस मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. लुटेरों ने 20 मिनट के भीतर ही लूट की रकम को आपस में बांट लिया।
गश्ती दल ने लुटेरों को पकड़ा था
लुटेरे सिक्कों से भरे पिकअप वैन को लेकर भागकर रहे थे. लेकिन उस वक्त बेउर थाना पुलिस गश्ती कर रही थी. पुलिस ने पिकअप वैन को रुकवाया. जिसमें चार लुटेरे और ड्राइवर भी बैठे थे. गश्ती पुलिस तीनों को पकड़कर थाने ले आई.
यहां से शुरू हुआ खेल
जैसे ही बेउर थाना के थानाध्यक्ष और इंस्पेक्टर प्रवेश भारती को इसकी खबर मिली वो भी थाने पहुंच गए. ड्राइवर पुलिस वाले का जानकार था। इसलिए उसने मध्यस्थत की भूमिका निभाई. डेढ़ लाख में सौदा तय हुआ. पैसा देने के बाद ड्राईवर को पिकअप वैन को छोड़ दिया. लेकिन बाकी तीनों लुटेरे को एक दिन तक थाने में बंद रखा. बाद में चारों से भी मोटी रकम पर डील हुई और उन्हें भी छोड़ दिया गया ।
सभी पुलिसवाले गिरफ्तार और सस्पेंड
मामले का खुलासा होने पर बेउर थाना के थानेदार सह इंस्पेक्टर प्रवेश भारती,दारोगा सुनील चौधरी, सहायक अवर निरीक्षक (एएसआइ) विनोद राय और होमगार्ड कृष्ण मुरारी एवं विनोदी शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है । साथ ही तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है । इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. साथ ही पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी फुलवारीशरीफ के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संजय कुमार पांडेय को दिया गया है ।
मामले को सिलसिलेवार समझिए
नौबतपुर के गवाय मोड़ के पास रेडिएंट कैश मैनेजमेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के 18.41 लाख के सिक्के का हुआ था । जिसमें पिकअप वैन के चालक सुधीर कुमार ने ही बदमाशों का साथ दिया था। वारदात को अंजाम देने के लिए सात बदमाश दो कारों में सवार होकर पहले से ही मोड़ पर खड़े थे। बदमाशों ने पिकअप वैन में सिक्कों के साथ सवार रिस्क मैनेजर महेश प्रसाद, चालक सुधीर और खलासी राजू को पिस्टल के बल पर बंधक बना लिया।
शक से बचने के लिए पिटाई भी खाई
महेश को ड्राइवर की मिलीभगत का अहसास न हो, इसके लिए पप्पू और पिंटू ने चालक की पिटाई की थी। फिर सिक्कों से भरी पिकअप वैन में ही चालक, मैनेजर और खलासी के हाथ पैर बांधकर मसौढ़ी के नूरा की तरफ ले गए और वहीं सड़क किनारे फेंक दिया। कुछ दूर आगे बढ़ने पर पिकअप वैन में लोड 53 पैकेट सिक्कों का बंटवारा कर दिया। इसमें कार में सवार पप्पू, पिंटू समेत दो अन्य को करीब दो लाख रुपये के सिक्के मिले थे।
ड्राइवर ने उगले राज
जांच में पता चला कि मैनेजर महेश ने जिस पिकअप वैन को बुक किया था उसके चालक सुधीर को पहले ही पता था कि 18 से 20 लाख रुपये के सिक्के रांची जाने वाले हैं। पिकअप वैन बिहारशरीफ से होकर जाने वाली थी। लेकिन, चालक सुधीर रिस्क मैनेजर को रास्ता खराब होने का हवाला देकर नौबतपुर की तरफ लेकर चला गया था।चालक ने पूछताछ में बताया कि उसने ही पप्पू को अपने मोबाइल से पटना से गाड़ी लेकर नौबतपुर की तरफ निकलने की सूचना दी थी। सुधीर ने पप्पू और पिंटू के घर का पता दिया। पुलिस घटना में संलिप्त दो अन्य बदमाशों और लूटी गई पिकअप वैन की तलाश में छापेमारी कर रही है।
फोन कॉल कर फंसे
बेउर पुलिस ने ड्राइवर समेत 5 बदमाशों को गिरफ्तार किया था. लेकिन भारी भरकम रिश्वत लेकर छोड़ दिया था। जिसके बाद ड्राइवर ने मनगढ़ंत कहानी रची और मसौढ़ी से पुलिस को कॉल कर बताया कि लुटेरे सिक्का लूटने के बाद उसे यहां छोड़ गए। जिसके बाद ही मामले का खुलासा हुआ