बिहार में एक और फोरलेन को मंजूरी,जानिए किस-किस गांव की जमीन का अधिग्रहण होगा

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बिहार में लगातार सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है।सूबे के दूसरे हिस्से को राजधानी पटना से जोड़ने का काम किया जा रहा है। ताकि कम से कम समय में हर कोई पटना पहुंच सके। राज्य में एक और फोरलेन बनाने के लिए केंद्र सरकार से हरी झंडी मिल गई है । इसके बनने से पटना से नेपाल सीमा तक की दूरी करीब 200 किमी होगी और वहां जाना आसान हो जायेगा. सा\थ ही आने वाले समय में अरेराज से बढ़ाकर इस फोरलेन का निर्माण वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) तक होगा. इससे राज्य के इकलौते टाइगर रिजर्व तक बेहतर सड़क कनेक्टिविटी हो जायेगी और वहां अधिक संख्या में पर्यटक पहुंच सकेंगे.

कहां से कहां तक बनेगी फोरलेन सड़क
नए फोरलेन सड़क का निर्माण राजधानी पटना के एम्स (Patna AIMS) से दीघा (Digha) होते हुए सोनपुर-माणिकपुर-साहेबगंज-अरेराज (Patna-Sonepur-Manikpur-Sahebganj-Areraj) तक किया जाएगा। इस फोरलेन सड़क का निर्माण भारतमाला प्रोजेक्ट (Bharatmala Project) के तहत की जाएगी । इसलिए केंद्र सरकार (Central Government) ने भू-अर्जन की प्रक्रिया (Land acquisition) शुरू करने के लिए हरी झंडी दे दी है ।

आधे घंटे में तय होगी पटना से वैशाली की दूरी
इस फोरलेन के बन जाने के बाद पटना से वैशाली (Vaishali) की दूरी महज आधे घंटे में तय की जा सकेगी । साथ ही दूरी घटकर महज 40 किलोमीटर रह जाएगी।

अधिग्रहण के लिए गजट जारी
भारत सरकार की सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट के तहत के तहत अदलबारी-माणिकपुर के बीच शून्य से 33 किमी हिस्से के लिए जमीन अधिग्रहण को ले गजट किया।

वैशाली में कहां-कहां भूमि अधिग्रहण होगा
नालंदा लाइव को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इस फोरलेन का 19 किलोमीटर का हिस्सा वैशाली जिले में पड़ रहा है। जो लालगंज होते हुए गुजरेगा। इस लिए लालगंज अंचल के जलालपुर उर्फ बिशुनपुर गमहीर, जलालपुर गोपी मिल्की, केशोपुर, ताजपुर, खानजहां चक उर्फ सैदनपुर गांव में जमीन का अधिग्रहण होगा।

सारण के किन गांवों में जमीन का अधिग्रहण
वैशाली के अलावा सारण जिले के भी कई गांवों में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है । सूत्रों का कहना है कि सारण जिले में इस हाईवे का हिस्सा 16 किलोमीटर पड़ रहा है, जिसके तहत सोनपुर अंचल के गोविंदचक, बाकरपुर, चितरसेनपुर, मखदुमपुर, शिकारपुर और दरियापुर अंचल के खुशहालपुर, मनगरपाल मुर्तुजा, मनगरपाल नूरां, मानपुर गांव में जमीन का अधिग्रहण होगा।

पटना से कैसे जोड़ा जाएगा
इस फोरलेन का 23 किमी का हिस्सा पटना एम्स से सोनपुर के गोविंदचक तक (दीघा सेतु छोड़कर) फिलहाल दोनों तरफ फोरलेन रोड बन चुका है। अब केंद्र सरकार ने गोविंदचक से मानिकपुर तक 35 किमी लंबाई में फोरलेन हाईवे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की तैयारी शुरू कर दी है। जमीन अधिग्रहण में 300 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इस एलाइनमेंट (अदलवारी-मानिकपुर) के निर्माण पर 847 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें गंडक नदी पर सोनपुर वर्तमान गंडक पुल से उत्तर की तरफ एक नया फोरलेन पुल भी बनेगा जिसकी लागत 150 करोड़ रुपए होगी।

एयरपोर्ट से वैशाली और केसरिया जुड़ेगा
दरअसल, इस हाईवे को बनाने का मुख्य मकसद बुद्ध सर्किट के दो महत्वपूर्ण जगह वैशाली और केसरिया को राजधानी पटना से जोड़ना है। पटना या भविष्य के बिहटा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से पर्यटक मात्र आधे घंटे में वैशाली पहुंच सकेंगे। इसके लिए वर्तमान दीघा (जेपी) सेतु के समानांतर गंगा नदी पर एक नया फोरलेन पुल भी बनेगा। उस पुल पर करीब 2900 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।

महंगी होगी ज़मीन,रोजगार भी मिलेगा
इस महत्‍वपूर्ण हाइवे परियोजना से इन इलाकों का काफी विकास होने की उम्‍मीद है। बिहार की राजधानी पटना से अधिक सुगम संपर्क होने के बाद यहां रोजगार और व्‍यवसाय के अवसर भी बढ़ेंगे। फिलहाल इस इलाके में जमीन की कीमतों में उछाल आने की संभावना सबसे अधिक है।

क्‍या है भारतमाला प्रोजेक्‍ट
भारतमाला प्रोजेक्‍ट केंद्र सरकार के अंतर्गत केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की महत्‍वपूर्ण योजना है। इसके तहत राष्‍ट्रीय राजमार्गों के साथ ही अन्‍य महत्‍वपूर्ण सड़कों को भी विकसित किया जाता है। इसका मुख्‍य मकसद राष्‍ट्रीय महत्‍व के गलियारों पर सुगम सड़क यातायात उपलब्‍ध कराना है। इस योजना के तहत करीब 51 हजार किलोमीटर राष्‍ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जाना है।

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