बिहार में जूनियर इंजीनियर भर्ती का रिजल्ट रद्द.. 6379 पदों पर होनी थी नियु्क्ति

0

बिहार में जूनियर इंजीनियर भर्ती का रिजल्ट रद्द कर दिया गया है । पटना हाईकोर्ट ने सरकारी पॉलीटेक्निक संस्थान से सिविल डिप्लोमाधारियों को 40 फीसदी आरक्षण का लाभ देते हुए निकाले गए रिजल्ट को रद्द कर दिया। चीफ जस्टिस की बेंच ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने विज्ञापन संख्या 01/2019 के अंतर्गत निकाले गए सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया।

हाईकोर्ट ने क्या कहा
पटना हाईकोर्ट ने माना कि बिहार सरकार द्वारा संचालित पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमा पास किये अभ्यर्थियों को 40 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देना सही नहीं था। हाईकोर्ट ने कहा कि केवल सरकारी पॉलीटेक्निक संस्थान के डिप्लोमाधारियों को आरक्षण देने के लिए बिहार वाटर रिसोर्सेज डिपार्टमेंट सबऑर्डिनेट इंजीनियरिंग (सिविल) कैडर रिक्रूटमेंट (अमेंडमेंट) रुल 2017 के रुल 4(ए) में संशोधन कर आरक्षण का प्रावधान पूरी तरह असंवैधानिक और गलत है। कोर्ट ने संशोधन को रद्द करने के साथ ही बिहार स्टेट टेक्निकल सेलेक्शन कमीशन को नए सिरे से सेलेक्शन/मेरिट लिस्ट बनाने का निर्देश दिया। विज्ञापन संख्या 01/2019 के तहत 6379 कनीय अभियंता (असैनिक/यांत्रिक/विद्युत) की बहाली होनी थी।

तकनीकी सेवा आयोग ने निकाली थी वैकेंसी
2019 में जूनियर इंजीनियर के 6379 पदों के लिए वैकेंसी निकली थी। सरकार ने राजकीय कॉलेज से डिप्लोमा पास करने वालों के लिए 40 फीसदी आरक्षण रखा था। बिहार तकनीकी सेवा आयोग ने वैकेंसी निकाली थी। 40 फीसदी आरक्षण वाले प्रावधान को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।

जेई की नए सिरे से बहाली
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि नियम में किया गया संशोधन संविधान के अनुच्छेद 14, 15 व 16 (4) का उल्लंघन है। साथ ही साथ अनुच्छेद 21 को भी प्रभावित करता है। इस फैसले से अब राज्य के सभी मान्यताप्राप्त पॉलिटेक्निक संस्थान से विभिन्न सत्रों में पास डिप्लोमाधारियों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में जूनियर इंजीनियर के पदों पर अब नए सिरे से बहाली होगी।

मेरिट लिस्ट को तत्काल प्रभाव से निरस्त
इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने 3 मार्च को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था, अब हाईकोर्ट ने इस बहाली में 40 फ़ीसदी के आरक्षण के साथ नियुक्तियों और मेरिट लिस्ट को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है. राज्य सरकार को फिर से मेरिट लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है.अब इसके लिए नये सिरे से काउंसलिंग की प्रक्रिया होगी इसके बाद नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इस कारण अब नए सिरे से काउंसिलिंग होगी और नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया की जाएगी। इस वेकैंसी में काउंसिलिंग और इंटरव्यू होता है। रिटेन एग्जाम नहीं लिया जाता है।

कोर्ट ने रखी थी शर्त
यह मामला पहले भी कोर्ट में था और उस दौरान एक कोर्ट में इस शर्त के साथ बहाली प्रक्रिया को जारी रखने का निर्देश दिया था कि जब आरक्षण के बिंदु पर पूरा फैसला आएगा वही अंतिम तौर पर लागू होगा.बता दें, जल संसाधन विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, लघु सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी सहित आठ विभागों में जूनियर इंजीनियरों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।

Load More Related Articles
Load More By Nalanda Live
Load More In खास खबरें

Leave a Reply

Check Also

योगी राज में मारा गया एक और माफिया.. कई जिलों में धारा 144 लगाई गई

कहा जाता है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माफिया के लिए काल हैं.. उनके राज में कोई…