‘सच का सामना’ होने पर भड़के जदयू के RCP सिंह… देखिए पूरा VIDEO

नालंदा लोकसभा सीट पर जदयू प्रत्याशी कौशलेंद्र कुमार की जीत पक्की करने के लिए पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता आरसीपी सिंह दिन रात एक किए हैं. वो गांव गांव का दौरा कर रहे हैं. घर-घर जनसंपर्क अभियान में जुटे हैं. लेकिन इस दौरान उनका सच से सामना हो गया. वो सच जो पिछले 10 सालों में जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कर दिखाया है. वो सच, जो विकासपुरुष के नाम से जाने जाने वाले सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के लिए किसी दुरास्वप्न से कम नहीं है. वो सच जो विकसित नालंदा पर एक तमाचा से कम नहीं है. वो सच जिसे जानने के लिए मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र सांसद कौशलेंद्र कुमार को 3 हजार 6 सौ 50 दिन में कभी मौका नहीं मिला.

क्या है पूरा मामला
जदयू महासचिव और राज्यसभा सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह जनसंपर्क अभियान के तहत थरथरी पहुंचे थे. इस दौरान उन्हें एक बैनर दिखा जिसपर लिखा था रोड नहीं तो वोट नहीं. ये देखने के साथ ही उन्होंने अपना काफिला खरजमा गांव की ओर मोड़ दिया. आरसीपी सिंह लाव लश्कर के साथ खरजमा गांव पहुंचे. जहां सड़क नहीं बनने से लोग गुस्से में थे. क्योंकि उनके जनप्रतिनिधि ने उनका विश्वास तोड़ा था.

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सवाल सुनते ही भड़क उठे RCP सिंह
जदयू में नंबर दो की हैसियत रखने वाले आरसीपी सिंह ने लोगों से उनकी परेशानी को जानने की कोशिश की. तभी वहां मौजूद एक युवा वोटर ने आरोपों की झड़ी लगा दी. युवा वोटर ने मौजूदा सांसद कौशलेंद्र कुमार को लेकर आरसीपी सिंह को खरखरी सुना दी. सामान्यत शांत रहने वाले आरसीपी सिंह अपने आप पर नियंत्रण नहीं रख पाए.

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आपका वोट मांगने नहीं आए हैं
IAS से नेता बने आरसीपी सिंह ने अपना आपा खो दिया. उन्होंने कहा कि इससे पहले आपने कभी आईएएस से नेता बने लोगों से नहीं मिला होगा. उन्होंने कहा कि यहां सड़क नहीं बनी है तो वहीं देखने चला आया था. आपसे वोट मांगने नहीं आया हूं. आप चाहे वोट दें या नहीं दीजिए. हम ये देखने आए हैं कि गांव में क्या क्या परेशानी है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि ये मेरा संस्कार नहीं है कि आपसे वोट मांगूं. आप नीतीश कुमार में विश्वास रखते हैं. अगर आपके गांव में सड़क नहीं बनी है तो इसका दुख नीतीश कुमार को होगा.

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ये पहला मौका नहीं है जब आरसीपी सिंह को कौशलेंद्र कुमार की वजह से विरोध का सामना करना पड़ा है. दो दिन पहले बिहारशरीफ में भी लोगों ने विरोध किया था. ऐसे में जिलावासियों को उम्मीद है कि आरसीपी सिंह इस बारे में मुख्यमंत्री जी को जरुर बताएंगे कि उनके विश्वासपात्र सांसद ने जिले में कितना विकास किया है? लोगों की उम्मीदों पर कितना खरे उतरे हैं? उनके नाम पर चुनाव जीता और उनके ही विकासपुरुष के चेहरे को कितना धूमिल किया है?  साथ ही आरसीपी सिंह को भी ये सोचना चाहिए कि अगर उनकी पार्टी के सांसद जनता की बातें सुनी होती और उनकी समस्या का निदान  किया होता तो शायद ये दिन न देखना पड़ता. जो आरसीपी सिंह बार बार कह रहे हैं कि नीतीश कुमार ने सबके के लिए कानून बनाया है कि हर गांव में रोड. तो ऐसे में उनके ही गृह जिले में ये कानून टूटता मिल रहा है. फिर उन्हें जनता या वोटरों पर गुस्सा की जगह अपने माननीय सांसद कौशलेंद्र कुमार से सवाल जवाब करना चाहिए. लेकिन सवाल ये भी उठता है कि आखिर नेताओं को चुनाव के समय ही जनता की याद क्यों आती है ?

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