JDU कार्यालय में बड़ी बैठक जारी, मुख्यमंत्री की पहली पसंद क्यों हैं RCP.. जानिए

जेडीयू में RCP सिंह को लेकर बड़ी मंथन चल रही है । पटना में जेडीयू कार्यालय में पार्टी की बड़ी बैठक चल रही है। जिसमें खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद हैं। इसके अलावा बैठक में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह,मंत्री अशोक चौधरी, संजय झा और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा मौजूद हैं. खास बात ये है कि बैठक में केंद्रीय मंत्री और जेडीयू सांसद RCP सिंह मौजूद नहीं हैं ।

उम्मीदवार के नाम का हो सकता है ऐलान
बताया जा रहा है कि एक महीने के भीतर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दूसरी बार पार्टी कार्यालय में बैठक कर रहें हैं। जिसमें राज्यसभा की दूसरी सीट के लिए नाम का ऐलान हो सकता है। बताया जा रहा है कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजने का विरोध कर रहे हैं ।

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नीतीश की पहली पसंद आरसीपी सिंह
सूत्रों का कहना है कि आरसीपी सिंह के खिलाफ उपेंद्र कुशवाहा और खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने मोर्चा खोल रखा है । वे नहीं चाहते हैं कि आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजा जाए। लेकिन मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों का कहना है कि अब भी नीतीश कुमार की पहली पसंद आरसीपी सिंह ही हैं। आरसीपी सिंह को ही पार्टी राज्यसभा उम्मीदवार घोषित कर सकती है ।

नीतीश कुमार को ही लेना है फैसला
आपको बता दें कि 2 दिन पहले मुख्यमंत्री आवास पर जेडीयू नेताओं और और विधायकों की साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई थी । जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही पार्टी ने राज्यसभा उम्मीदवार का नाम घोषित करने के लिए अधिकृत किया था । हालांकि उस बैठक में भी आरसीपी सिंह मौजूद नहीं थे।

आरसीपी के नाम पर ही क्यों लगेगी मुहर
मीडिया रिपोर्ट में कई तरह की खबरें चल रही है । कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार आरसीपी सिंह की जगह हरनौत के पूर्व विधायक इंजीनियर सुनील या पूर्व नौकरशाह मनीष कुमार को राज्यसभा भेज सकते हैं । लेकिन सच्चाई ये है कि नीतीश कुमार आरसीपी सिंह के नाम पर ही मुहर लगाएंगे । इसके कई कारण हैं ।
– आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे हैं
– आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार का कभी विरोध नहीं किया है
-आरसीपी सिंह हमेशा नीतीश कुमार को अपना नेता बताते रहे हैं
-आरसीपी सिंह मौजूदा दौर में बीजेपी और जेडीयू के बीच की कड़ी हैं
– बिहार की ब्यूरोक्रेसी पर आरसीपी सिंह की पकड़ मजबूत है
-आरसीपी सिंह ने पार्टी को मजबूत करने का काम किया है
– आरसपी सिंह अभी केंद्रीय मंत्री हैं और अगर राज्यसभा नहीं पहुंचे तो इस्तीफा देना पड़ेगा
-अगर आरसीपी सिंह को बीजेपी राज्यसभा भेजती है तो जेडीयू में टूट हो जाएगी
– नीतीश कुमार अपने बेहद प्रिय आरसीपी सिंह की कुर्बानी नहीं देना चाहेंगे
– ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा ने अपने क्षेत्रों में भी जेडीयू के लिए कोई चमत्कारिक प्रदर्शन नहीं किया है
– ललन सिंह जातीय जनगणना और विशेष राज्य का दर्जा की मांग को लेकर अपनी ही सरकार को फंसाते रहे हैं
ऐसे में इतना तो साफ है कि आखिरी समय में नीतीश कुमार आरसीपी सिंह के नाम पर ही मुहर लगाएंगे । इसलिए आरसीपी सिंह भी शांत हैं और उनका खेमे को भी भरोसा है कि नीतीश कुमार आरसीपी सिंह को ही तीसरी बार राज्यसभा भेजने का काम करेंगे ।

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