शिक्षकों के बड़ी खबर, शिक्षा विभाग ने जारी किया गाइडलाइंस !

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सरकारी स्कूलों में जूनियर शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाने के खेल को रोकने के लिये शिक्षा विभाग को सामने आना पड़ा है ।शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कहा है कि अगर किसी स्कूल मे प्रधानाध्यापक का पद खाली है, तो वैसी स्थिति में स्कूल मे जो सबसे वरीय सहायक शिक्षक होंगे वही प्रभारी प्रधानाध्यापक बनेंगे।

शिक्षा विभाग ने आदेश में क्या कहा

शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि 31 अक्टूबर 2017 तक प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापित सहायक शिक्षक पद पर बने रहेंगे।लेकिन उसके बाद जो भी जूनियर शिक्षक प्रभारी की कुर्सी पर कब्जा जमाए हुए है वे स्वत: हट जायेंगे।

विधानमंडल समिति ने जताई थी नाराजगी

दअरसल, सरकारी विद्यालयों में जूनियर को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाने की शिकायत लगातार मिल रही थी। मामला बिहार विधानमंड़ल मे भी उठा था।सदन की निवेदन समिति ने भी इस तौर-तरीके पर गहरी नाराजगी जताई थी और विभाग से तत्काल कार्रवाई करने को कहा था।इसके बाद विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब वही शिक्षक प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर रहेंगे जो सबसे सीनियर होंगे।विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो पहले का नियम था वही कायम रहेगा।

प्रभारी के लिए होता है पैसों का खेल

जानकारों का कहना है कि प्रधानाध्यापक विहीन हाईस्कूलों और प्लस टू विद्यालयों मे प्रभारी प्राचार्य बनाने में जिलास्तर पर पैसे का खेल होता था।पैसे के बदौलत सीनियर शिक्षक के होते हुए भी जूनियर शिक्षक प्रभारी की कुर्सी पर काबिज हो जाते थे।इसमें डीईओ ऑफिस की भूमिका संदिग्ध होती थी।

माध्यमिक शिक्षक संघ ने जताई खुशी

शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने खुशी जताई है।संघ की मानें तो इस संबंध मे आदेश आने के बाद जूनियर को प्रभारी बनाने की कोशिश पर रोक लगेगी।

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