नालंदा में एशिया का सबसे बड़ा इथेनॉल प्लांट शुरू.. जानिए इससे बिहार को कितना होगा फायदा?

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बिहार वासियों को बड़ा तोहफा मिला है । नालंदा में एशिया का सबसे बड़ा इथेनॉल प्लांट लगा है । जिससे रोजाना 2 लाख 50 हजार लीटर इथेनॉल तैयार होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़े इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन किया है। ये इथेनॉल प्लांट नालंदा जिला के वेन प्रखंड के अरावा गांव में लगाया गया है ।

30 एकड़ में प्लांट
अरावा गांव का इथेनॉल प्लांट 30 एकड़ में फैला है । जिसे तैयार करने में करीब 600 करोड़ रुपए खर्च हुआ है । इस प्लांट का निर्माण पटेल एग्रो इंडस्ट्रीज ने तैयार किया है ।

नालंदा बनेगा हब
इस प्लांट के शुरू होने के बाद इथेनॉल उत्पादन में नालंदा बड़ा हब बनने वाला है। दरअसल, केंद्र सरकार ने बिहार में इथेनॉल के 6 प्लांट की मंजूरी दी थी। जिसमें नालंदा के तीन प्लांट हैं.. जिसे पटेल एग्री इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है । इसे सरकार द्वारा इथेनॉल प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत दिया गया है । इसके शुरू होने से रोजगार सृजन के साथ मक्का और धान किसान को बहुत फायदा होगा ।

पेट्रोल के दाम होंगे कंट्रोल
पटेल एग्री इंडस्ट्रीज के मालिक डॉ. दिलीप कुमार का कहना है कि प्लांट के लगने से पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतों पर नियंत्रण लग सकेगा। केंद्र सरकार की पेट्रोल की कीमत को 2024 तक स्थिर यानि कम करने की योजना है। इसके अलावा यह पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार साबित होगा। आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2024 तक पेट्रोल में इथेनॉल को सम्मिश्रण करने का लक्ष्य तय किया है। यानि पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल को मिक्स करने से पेट्रोल की खपत कम होने के साथ इसके दाम भी कुछ हद तक नियंत्रित होंगे। पटेल एग्री इंडस्ट्रीज के मालिक दिलीप कुमार के मुताबिक इसके लिए भारत पेट्रोलियम से एग्रीमेंट किया जा चुका है। जो रोजान 2.5 लाख लीटर इथेनॉल खरीदेगी

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कैसे तैयार होगा इथेनॉल
अब आपके मन में सवाल ये उठ रहा होगा कि इथेनॉल तैयार कैसे होगा। तो आपको बता दें कि मक्का और ब्रोकन राइस यानि खराब क्वालिटी के चावल से तैयार किया जाएगा। दरअसल, नालंदा जिला में मक्का और धान की काफी पैदावार होती है। जिले में दोनों ही फसल सीजन में 90 से 95 हजार हेक्टेयर में लगाए जाते हैं। यहां मक्का का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। साथ ही धान की भी अच्छी फसल होती है।अभी भी सरकारी गोदामों में यहां दो-तीन साल पुराने चावल पड़े हैं। ऐसे में यहां इथनॉल के लिए जिले में ही आसानी से कच्चा माल मिल जाएगा जिससे इसकी लागत कम होगी।

किसानों को मिलेगा लाभ
प्लांट लगने से मक्का और धान की खेती करने वाले किसानों को बड़ा फायदा होगा क्योंकि इथेनाल प्लांट खुल जाने के बाद खराब क्वालिटी के मक्का और धान की भी अच्छी कीमत मिल जाएगी जिससे किसानों को लाभ मिलेगा। साथ ही बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

राइस मिलिंग की भी मिली जिम्मेवारी
पटेल एग्री इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड को राइस मिलिंग की भी जिम्मेवारी दी गई है। पटेल एग्री के निदेशक डॉ दिलीप कुमार ने बताया कि मिल में 5 लाख मीट्रिक टन सालाना चावल का उत्पादन होता है। जबकि पिछले वर्ष मात्र जिले में 2.75 मीट्रिक टन चावल की खरीदगी की गई थी।

इथेनॉल क्या है
दरअसल, पेट्रोल की जलनशीलता बढ़ाने के लिए उसमें इथेनॉल डाला जाता है। इथेनॉल मिलाने पर पेट्रोल में आक्टेन वैल्यू 2.5 प्रतिशत तथा ऑक्सीजन की क्षमता 3 प्रतिशत बढ़ जाती है। इससे पेट्रोल इंजन में 100 प्रतिशत जलता है तथा निकलने वाला धुआं भी कम प्रदूषण करता है।

उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार, समीर महासेठ भी मौजूद थे। इसके साथ ही सांसद कौशलेंद्र कुमार, हिलसा के विधायक कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया भी मौजूद थे।

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