बिहार में बन रहा वर्ल्ड क्लास हाईटेक साइंस सिटी.. जानिए खासियत और कहां है

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विकास की दिशा में बिहार हर रोज नया कीर्तिमान रच रहा है.. बिहार अब बीमारू नहीं रहने वाला है.. क्योंकि बिहारियों ने ठान लिया है कि अपना बिहार.. विकसित बिहार बनेगा. रोबोटिक्स, नंबर (बाइनरी सिस्टम), बुनियादी विज्ञान में साइज और वेलोसिटी जैसे विषयों पर प्रदर्शनी लगायी जाएगी

पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से मशहूर एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर बिहार में अत्याधुनिक साइंस सिटी का निर्माण किया जा रहा है.. जिसका नाम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी (APJ Abdul Kalam Science City) रखा गया है । इसका निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और अगले कुछ दिनों में इसका उद्घाटन भी होने वाला है ।

कहां पर बन रहा है
एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी पटना के राजेंद्र नगर में बन रहा है.. जो मोइनुल हक स्टेडियम के पास है । ये निर्माण 21 एकड़ जमीन पर हो रहा है। यानि पटना का साइंस सिटी (Patna Science City) करीब 36 हजार वर्ग मीटर में निर्मित होगा।

साइंस सिटी में क्या-क्या होगा?
ये साइंस सिटी काफी हाईटेक होगी। जो बिहारवासियों को विज्ञान की अलग दुनिया से रू-ब-रू करवाएगा.. साथ ही लोगों के बीच विज्ञान को बढ़ावा देने वाला होगा ।नालंदा लाइव से खास बातचीत में बिहार राज्य भवन निर्माण विभाग के सचिव और पटना प्रमंडल के कमिश्नर कुमार रवि ने कहा कि साइंस सिटी की सभी गैलरियों, लर्निंग सुइट्स, ऑडिटोरियम, ओरिएंटेशन हॉल और अन्य सहायक ढांचों में सिविल वर्क पूरा कर लिया गया है। सज्जा का काम भी अंतिम चरण में है ।

4D गैलरी भी होगी
साइंस सिटी चार मंजिल का होगा । इसमें लर्निंग सूट के अलावा, आधुनिक विज्ञान शहर में बैक-अप हाउस, बहुउद्देश्यीय हॉल, सभागार, स्मारिका दुकानें, 4D गैलरी, प्रदर्शनी हॉल होगा। 200 लोगों के बैठने के लिए एक G+4 छात्रावास का भी निर्माण किया गया है। सभी सुविधाएं और आपस में जुड़ी हुई हैं।

चार बड़ी दीर्घाएं होगी
साइंस सिटी में चार बड़ी दीर्घाएं हैं, जिनके नाम हैं, ‘बेसिक साइंसेज’, ‘स्पेस एंड एस्ट्रोनॉमी’, ‘सस्टेनेबल प्लैनेट’ और ‘बॉडी एंड माइंड’। इमारत में एक छोटी गैलरी होगी, जिसका नाम ‘बीए साइंटिस्ट’ होगा। ये इट्रोडक्ट्री दीर्घा होगी और विज्ञान सिटी की लुक देगी। इसके अलावा, चार लर्निंग सुइट होंगे- मेकर स्पेस, बिग डेटा सेंटर, किचन और जिम, जहां दर्शक चीजों को देखेंगे और सीखेंगे।

और क्या क्या होगा
सस्टेनेबल प्लैनेट में विजिटर्स को इको सिस्टम, अर्थ साइकल, बायोडायवर्सिटी, वॉटर साइकल, मॉनसून, साइक्लोन, फ्लडिंग और लैंडस्लाइड जैसे सब-थीम्स से जुड़े मॉडल्स दिखेंगे। अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान में खगोलीय उपकरण और सौर प्रणाली जबकि शरीर और मन में मानव शरीर, पाचन तंत्र और श्वसन तंत्र लर्निंग दिखेंगे। सुइट्स में ज्यादातर वर्किंग मॉडल्स होंगे।

काफी स्टडी के बाद बनाया गया
साइंस सिटी को वर्ल्ड क्लास बनाना का प्रयास किया गया है । इसके लिए टीम ने पहले मॉन्ट्रियल, कनाडा, टोरंटो और बोस्टन सहित दुनिया के अलग-अलग शहरों में स्थित साइंस सिटी का अध्ययन किया । उसके बाद इसकी परियोजना तैयार की गई है ।

 

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