राजगीर विधानसभा सीट से जेडीयू विधायक रवि ज्योति को दोहरा झटका लगा है. पहले पार्टी ने उनका टिकट काट दिया. अब उनके सिर से पिता का साया का उठ गया है. इस बात की जानकारी खुद जेडीयू विधायक रवि ज्योति ने दी
रवि ज्योति के पिता का निधन
विधायक रवि ज्योति के पिता का निधन हो गया है.. रवि ज्योति ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमारे बाबूजी अब इस दुनिया को अलविदा कह गए ।चीर निद्रा में चले गए । रवि ज्योति के पिता लंबे समय से बीमार थे और वे अस्पताल में भर्ती थे.
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आज कार्यकर्ताओं को बुलाया था
रवि ज्योति का एक दिन पहले ही पार्टी ने टिकट काट दिया है. जिसके बाद माना जा रहा है कि वो पाला बदल सकते हैं. इसके लिए उन्होंने आज उन्होंने अपने समर्थकों बुलाया था. उन्होंने खुद लिखा था कि मैं अपने दीपनगर कार्यालय पर आज 9.10.2020 ( शुक्रवार) 1 बजे सभी सम्मानित लोंगों से सलाह ,मशविरा की आवश्यकता है।
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पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे
रवि ज्योति ने करीब 21 साल तक पुलिस की नौकरी की. उसके बाद उन्होंने राजनीति में एंट्री मारी. रवि ज्योति की पोस्टिंग लंबे तक नालंदा जिला में रही थी. जिसके बाद साल 2015 में जेडीयू ने उन्हें टिकट दिया था. चुनाव में उन्होंने बीजेपी के दिग्गज और हरियाणा के मौजूदा राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को हराया था. जो पिछले 40 साल से राजगीर सीट से विधायक थे.
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दरभंगा के रहने वालें हैं रवि ज्योति
रवि ज्योति दरभंगा जिला के लहेरियासराय के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी नौकरी की शुरुआत 5 सितंबर 1994 में की थी। वे राजगीर में इन-चार्ज की पोस्ट पर काम कर रहे थे। रवि की इस इलाके की कई पुलिस स्टेशनों पर पोस्टिंग रही है। रवि ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज से पढ़ाई की है।
रवि का राजनीति से है पुराना रिश्ता
रवि ज्योति कुमार का रिश्ता राजनीति से काफी पुराना है। इनकी बुआ श्यामा कुमारी वारिसनगर विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुकी हैं। जिससे प्रभावित होकर रवि ज्योति ने पार्टी से टिकट मांगा था और वे जीतकर भी दिखा दिए थे