19 साल के शहीद जवान कमलेश सिंह का शव जब तिरंगे से लिपटकर उनके गांव बख्तियारपुर के लखनपुरा पहुंचा तो उन्हें विदाई देने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। वहां मौजूद लोग शहीद के परिजनों को ढांढ़स बंधा रहे थे, तो दूसरी ओर भारत माता की जय और शहीद कमलेश अमर रहे का नारे भी लगा रहे थे। लखनपुरा निवासी अनिल सिंह के छोटे पुत्र कमलेश सिंह शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद हो गए। शनिवार को शहीद का पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट पहुंचा, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
शव के साथ था हजारों लोगों का कारवां
पटना से शहीद के शव को फूलों से सजे वाहन में रखकर उनके पैतृक गांव लखनपुरा लाया गया। इस दौरान उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। रास्ते में जगह-जगह पुरुष, महिलाएं तथा स्कूली बच्चे उनके सम्मान में खड़े थे। इस वजह से टोल प्लाजा से बख्तियारपुर आने में पांच घंटे का समय लग गया, जहां से भी काफिला गुजरता लोग शहीद जवान की एक झलक पाने के लोग बेताब दिखे। गुस्से में लोग पाकिस्तान मुर्दाबाद के भी नारे लगा रहे थे। आखिरी में शव को लखनपुरा स्थित उनके घर लाया गया, जहां अपने लाल को देखने के लिये गांव के लोग उमड़ पड़े। अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा रहा।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी दी श्रद्धांजलि
शहीद कमलेश सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद लखनपुरा पहुंचे। रविशंकर प्रसाद शहीद के परिजनों से मिलकर उन्हें दुःख की घड़ी में ढांढ़स बंधाया। हर संभव मदद का भी भरोसा दिलाया। वे शहीद के पिता अनिल सिंह से मिले।
एक साल पहले सेना में हुए थे भर्ती
कमलेश एक साल पहले यानी 2018 में सेना (Army) में भर्ती हुए थे . वे जम्मू कश्मीर में तैनात थे और शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में 19 साल के कमलेश शहीद हो गए