नालन्दा ही नहीं पूरे बिहार वासियों के लिए अच्छी खबर है। तीर्थ नगरी राजगीर को जल्द ही नया पहचान मिलने वाला है। केंद्र सरकार जल्द ही राजगीर में आयुष अनुसंधान केंद्र खोल सकती है।
लोकसभा में उठी मांग
लोकसभा में नालन्दा के जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने राजगीर में आयुष अनुसंधान केंद्र खोलने की मांग की। उन्होंने ने सदन में कहा कि राजगीर की पहाड़ियों पर अनगिनत तरह की जड़ी बूटियां पाई जाती है।साथ ही कहा कि राजगीर की पंच पहाड़ियों पर पाए जाने औषधीये पौधों को आर्युवेद के जानकर ले जाते हैं और लोगों का इलाज करते हैं. सदन में सांसद कौशलेंद्र कुमार ने बताया कि राजगीर में पाए जाने वाली जड़ी बुटियों से लोग असाध्य रोगों को भी ठीक कर देते हैं.
वेद में भी मिलता है वर्णन
लोकसभा में बोलते हुए नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि भले ही आम लोगों को राजगीर की पहाड़ियों पर पाए जाने वाले पौधे झाड़ियां लगती है. लेकिन उसके अपने औषधीय गुण है और जानकर उसकी महत्ता को जानते हैं. उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की दवाओं का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. उन्होंने वेद का हवाला देते हुए कहा कि चरक ऋषि भी राजगीर की पहाड़ियों के दवाओं का इस्तेमाल करते थे.
राजगीर का वातावरण भी अनुकूल है
नालंदा के जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि राजगीर का वातावरण भी आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए उत्तम है. ये पांच पहाड़ियों का संगम है . साथ ही यहां के कुंडों का अपना महत्व है. और प्रदूषण मुक्त वातावरण भी है. ऐसे में राजगीर में आयुष चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का वातावरण भी है.
गरीबों को भी मिलेगा फायदा
नालंदा के सांसद ने कहा कि आयुष अनुसंधान केंद्र खुलने से जहां आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में युवाओं को कैरियर बनाने की अपार संभावनाएं खुलेगी तो वहीं, सालों पुराने इस पद्धति के जरिए गरीबों का इलाज भी संभव हो पाए.
केंद्र सरकार ने दिया भरोसा
सांसद कौशलेंद्र कुमार के सवाल के जवाब का देते हुए लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भरोसा दिया. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की टीम राजगीर जाएगी. और उनकी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार आगे की कार्रवाई करेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द भी राजगीर में आयुष चिकित्सा अनुसंधान केंद्र स्थापित होगा