बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए के लिए अच्छी खबर आई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी में डील पक्की हो गई है. जिसके बाद मांझी ने एलान कर दिया है कि उनकी पार्टी एनडीए में शामिल होगी.
3 सितंबर को होगा एलान
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के 3 सितंबर को जेडीयू के साथ गठबंधन का ऐलान होगा. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि 3 सितंबर को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा एनडीए का हिस्सा बन जायेगा. साथ ही इस कयास पर भी विराम लग गया है कि जीतन राम मांझी की पार्टी का विलय जेडीयू होगा ।
कितनी सीटों पर बनी बात
जीतनराम मांझी की जेडीयू के साथ डील फाइनल हो गई है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि नीतीश कुमार अपने कोटे से मांझी को नौ सीट देंगे, जिस पर मांझी राजी हो गए हैं. जेडीयू के साथ गठबंधन के बाद मांझी की एक तरीके से घर वापसी होगी, क्योंकि मांझी जेडीयू में ही रहे और फिर अपनी पार्टी बनाकर एनडीए के साथ मिलकर पिछला चुनाव लड़े थे.
2014 में नीतीश ने मांझी को बनाया था सीएम
आपको बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव में बुरी तरीके से हारने के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद उन्होंने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था. हालांकि, करीब 9 महीने के बाद वह मांझी को हटाकर खुद सीएम बन गए थे. इसके बाद मांझी ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी.
2015 में मांझी अकेले जीते थे
साल 2015 का विधानसभा चुनाव मांझी ने एनडीए के साथ लड़ा था, लेकिन महज एक सीट ही जीत सके थे. इसके बाद उन्होंने महागठबंधन से हाथ मिला लिया था. 2019 का लोकसभा चुनाव मांझी ने महागठबंधन के साथ मिलकर लड़ा था.
समन्यवय समिति पर महागठबंधन से तोड़ा था रिश्ता
जीतन राम मांझी ने महागठबंधन में रहते हुए समन्वय समिति बनाने की मांग उठाई थी ताकि यह कमेटी फैसला ले सके कि चुनाव की रणनीति क्या होगी और मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा. हालांकि, मांझी की इस मांग को आरजेडी ने खारिज कर दिया तो नाराज होकर उन्होंने 22 अगस्त को महागठबंधन से नाता तोड़ लिया था. इसके बाद 27 अगस्त को मांझी ने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. इसके बाद से माना जा रहा था कि जल्द ही एनडीए में शामिल हो सकते हैं.