नालंदा में कौशलेंद्र कुमार का पत्ता काटने मैदान में उतरीं JDU की ‘लेडी दबंग’… दावेदारों की लिस्ट में सबसे दमदार !

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नालंदा लोकसभा सीट पर जेडीयू का अगला उम्मीदवार कौन होगा ? इसे लेकर जहां एक ओर अटकलों का बाजार गर्म है तो वहीं, जेडीयू चुनाव समिति इस पर माथापच्ची करने में जुटी है। नालंदा सीट को लेकर एक और महिला उम्मीदवार ममता सिंह ने अपनी दावेदारी पेश की है। इनकी दावेदारी इसलिए भी पुख्ता मानी जा रही है क्योंकि इन्हें पार्टी में दूसरे नंबर के नेता आरसीपी कैंप का माना जाता है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुख्यमंत्री के पास जो लिस्ट है उसमें दावेदारों की लिस्ट में सबसे आगे हैं। आपको बताएंगे कि दावेदारों की लिस्ट में वो सबसे दमदार क्यों हैं । लेकिन उससे पहले ये जान लीजिए कि ममता सिंह हैं कौन

कौन हैं ममता सिंह
ममता सिंह जेडीयू की तेजतर्रार महिला नेता हैं। वे जेडीयू के समाज सुधार वाहिनी की प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं । ममता सिंह की पहचान शहर की दंबग नेता के तौर पर माना जाता है । इनकी गिनती शहर की बोल्ड महिलाओं में होती है। जो अपने दम पर कुछ हासिल करने की माद्दा रखती हैं। पति के असामायिक निधन के बावजूद ममता टूटीं नहीं। वो आगे बढ़ीं और अपने पति के सपने को पूरा करने के लिए राजनीति में कदम रखीं।

ममता सिंह के पति के बारे में जानिए
ममता सिंह के पति स्वर्गीय रंजन कुमार जेडीयू के नेता रहे हैं। रंजन कुमार साल 2006 में युवा जेडीयू के महासचिव रहे। लेकिन साल 2014 में सड़क हादसे में उनका निधन हो गया। ममता सिंह पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनका लंबा चौड़ा कारोबार और दो बच्चों की जिम्मेदारी । लेकिन वो टूटीं नहीं और अपने पति के सपने को पूरा करने के लिए राजनीति में आईं

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ममता सिंह का राजनीति से है पुराना नाता
ममता सिंह का राजनीति से पुराना नाता है। उनके पिता नागेश्वर प्रसाद सिन्हा कांग्रेस के बड़े नेता थे। वे लंबे समय तक नालंदा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। ममता सिंह के बड़े भाई दिलीप कुमार भी राजनेता हैं। दिलीप कुमार नालंदा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं। दिलीप कुमार की कांग्रेस में अच्छी पकड़ है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दिलीप कुमार ने नीतीश कुमार के गढ़ में कांग्रेस पार्टी को जिंदा करने का काम किया है।

बिहारशरीफ की बड़ी कारोबारी हैं ममता सिंह
ममता सिंह बिहारशरीफ शहर की जानी मानी हस्ती हैं। बिहार शरीफ के बड़े कारोबारियों में इनका नाम शुमार है। बिहारशरीफ में ममता पेट्रोल पंप और ममता कॉम्पलैक्स जैसे कई कारोबार हैं। ममता को घर का लकी आइकॉन माना जाता है । इसलिए मायके या ससुराल वाले भी इनके नाम से ही कोई कारोबार शुरू करते हैं। जैसे इनके बड़े भाई और राजनेता दिलीप कुमार ने ममता इन से नाम से शहर का सबसे बड़ा और सुंदर होटल खोला है ।

दावेदारों में सबसे दमदार क्यों
ममता सिंह जेडीयू के दावेदारों में सबसे दमदार साबित हो रही हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि ममता सिंह जब से राजनीति में आईं हैं तब से वो जेडीयू के साथ बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं ।

1. पढ़ी लिखी और मुखर महिला हैं- ममता सिंह की गिनती पार्टी में पढ़ी लिखी और मुखर महिला के तौर पर होती है ।ममता सिंह ने गेजुएशन के साथ साथ कानून की डिग्री भी ले रखी हैं।

2. शराबबंदी के खिलाफ मोर्चा खोला- ममता सिंह ने मुख्यमंत्री के नशाबंदी के खिलाफ आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती रही हैं। शराबबंदी को लेकर वो सड़कों पर उतरीं और लोगों में जागरुकता जगाने का काम किया

3.आरसीपी कैंप का होना– ममता सिंह की गिनती जेडीयू के महासचिव रामचंद्र प्रसाद सिंह यानि आरसीपी कैंप में की जाती है । उन्हें आरसीपी सिंह का करीबी माना जाता है। जबकि कौशलेंद्र कुमार को श्रवण कुमार गुट का माना जाता है । ऐसे में इनका पलड़ा भारी है।

4.राजनीतिक परिवार से होना– ममता सिंह के भाई दिलीप कुमार कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हैं। माना जाता है कि उन्होंने अपने धनबल की बदौलत जिले में पार्टी को खड़ा किया है। ऐसे में अगर ममता सिंह को मैदान में उतारा जाता है तो उनके भाई दिलीप कुमार चाहे अनचाहे बहन ममता सिंह का साथ देने को मजबूर होंगे और महागठबंधन कमजोर होगी। आपको बता दें कि कौशलेंद्र कुमार पिछले चुनाव में बहुत कम मार्जिन से चुनाव जीते थे। ऐसे में इनकी दावेदारी मजबूत दिखती है ।

5. बिजनेस क्लास पर पकड़- ममता सिंह खुद एक महिला उद्यमी हैं और शहर की बड़ी कारोबारी हैं । ऐसे उनकी पकड़ शहर के कारोबारियों पर भी अच्छी है। ऐसे में ये भी इनकी दावेदारी को और मजबूत करता है ।

6. जनता के लिए सुलभ- ममता सिंह के बारे में कहा जाता है कि वो जनता के बीच में काफी सुलभ हैं । कोई भी उनसे मिल सकता है। सामाजिक कार्यों में वो बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं। ऐसे में इससे जोड़कर भी इनकी दावेदारी को देखा जा रहा है।

7. महिला होने का फायदा- माना जा रहा है कि नीतीश कुमार इस बार अपने गृह सीट पर महिला उम्मीदवार को उतार कर देश को एक संदेश देना चाह रहे हैं। ममता सिंह की पहचान भी एक जुझारू और दमदार महिला के तौर है । वे 21 सदी की महिला हैं। ऐसे में उनकी दमदारी में दम दिख रहा है।

8. घमैला समाज से आती हैं- राजनीतिक पंडितों का मानना है कि नालंदा से टिकट उसी को मिलेगा जो कुर्मी के घमैला समाज से होगा। ऐसे में इस मानक पर भी वो खरा उतरती हैं । वो भी घमैला समाज से आती हैं। ऐसे में उनकी दावेदारी को कम नहीं आंका जा सकता है

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