लोकसभा चुनाव में अब करीब साल भर से भी कम का वक्त बचा है.. उससे पहले ही चुनावी बिसात बिछने लगे हैं.. ये कयास भी तेज हो गए हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बार लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.. क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताया जा रहा है.. खुद उनकी पार्टी जेडीयू भी उनकी दावेदारी को मजबूत कर रही है.. इस बीच नालंदा के जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार का भी बड़ा बयान सामने आया है ।
नालंदा से लड़ सकते हैं नीतीश
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने परंपरागत नालंदा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.. नालंदा सीट नीतीश कुमार के लिए सबसे सेफ सीट है.. ऐसे में अटकलें भी तेज हो गई है.. क्या नालंदा सीट से नीतीश कुमार के खिलाफ आरसीपी सिंह ताल ठोंक सकते हैं ?
‘सीट छोड़ने को तैयार’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नालंदा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा के बीच नालंदा लाइव ने जब JDU सांसद कौशलेंद्र कुमार से इस बारे में बात की.. तो उन्होंने साफ साफ कहा कि अगर नीतीश कुमार नालंदा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हैं.. तो वो सीट छोड़ देंगे..
‘नीतीश के लिए कोई भी कुर्बानी’
इतना नहीं ही कौशलेंद्र कुमार ने नालंदा लाइव से बातचीत में ये भी कहा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए वो कुछ भी कुर्बानी देने को तैयार हैं.. उन्होंने कहा कि आज वे जो कुछ भी हैं, उनकी वजह से ही हैं.. उन्होंने ये भी कहा कि नीतीश कुमार ने मुझ जैसे आम कार्यकर्ता को तीन बार सांसद बनाया है।
आरसीपी सिंह पर करारा हमला
जब नालंदा लाइव ने कौशलेंद्र कुमार से पूछा कि क्या आरसीपी सिंह नालंदा सीट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती दे सकते हैं.. जिसके जवाब में उन्होंने आरसीपी सिंह पर जोरदार हमला बोला और कहा कि.. अगर आरसीपी सिंह नालंदा से नीतीश कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे तो उनकी जमानत जब्त हो जाएगी।
आरसीपी को औकात बताई
कौशलेंद्र कुमार ने एक तरह से आरसीपी सिंह को उनकी औकात बताई.. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह क्या थे?.. उनकी पहचान क्या थी?.. वो जो चमक रहे थे वो नीतीश कुमार की रोशनी में ही चमक रहे थे ।
कभी राज़दार.. आज कट्टर दुश्मन
पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे आरसीपी सिंह कभी नीतीश कुमार के खासम खास थे.. लेकिन इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के धुर विरोधियों में से एक हैं.. नीतीश कुमार पर हमला बोलने का एक मौका भी नहीं छोड़ते हैं..
आरसीपी-नीतीश की दोस्ती
आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार दोनों नालंदा जिला के रहने वाले हैं.. आरसीपी सिंह उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अफसर थे और नीतीश कुमार बाढ़ संसदीय सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे.. तब दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं. एक दूसरे के करीब आए.. फिर जब नीतीश कुमार रेलवे मंत्री, तब उन्होंने आरसीपी सिंह को अपना आप्त सचिव बनाया था।
कभी नीतीश के विश्वासपात्र थे
नीतीश कुमार, आरसीपी सिंह पर कितना भरोसा करते थे इस बात का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि उन्होंने दो बार आरसीपी सिंह को जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया.. पार्टी में उनका कद नीतीश कुमार के बाद नंबर टू का था.. जो चाहते थे वो करते थे..
कैसे हुई दुश्मनी
नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के बीच सब कुछ ऑल इज वेल था.. आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बने.. जिसके बाद पार्टी में आरसीपी का विरोध तेज हो गया.. आरसीपी विरोधी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कान भरने लगे.. ये कहा जाने लगा कि आरसीपी सिंह की बीजेपी से नजदीकी बढ़ रही है.. जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें ठिकाने लगा दिया..सियासी गलियारे में ये कहा जाता है कि.. इस पूरे नाटक की पटकथा जेडीयू के मौजूदा अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लिखी थी.. क्योंकि आरसीपी सिंह की वजह से ही ललन सिंह केंद्र में मंत्री नहीं बन पाए थे.. जिसका बदला उन्होंने आरसीपी को पार्टी से बाहर निकलवाकर पूरा किया