राजगीर-बख्तियारपुर रेलखंड पर खतरा मंडराने लगा है. क्योंकि इस रेलखंड पर बने रेल पुल के पाया यानि पिलर में दरार पड़ चुका है. जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है। लेकिन अब तक रेल प्रशासन बेसुध सोया है. साथ ही जिला प्रशासन भी इस मामले से अनभिज्ञ है.
क्या है पूरा मामला
बख्तियारपुर-राजगीर रेलखंड (Bakhtiyarpur-Rajgir Rail Section) पर पावापुरी और नालंदा स्टेशन के बीच पंचाने नदी है. जिसपर रेल पुल बना हुआ है । इस रेल पुल के पाया यानि पिलर में दरार आ गई है । जिससे हादसा की आशंका बढ़ गई है । क्योंकि इस रेल खंड पर रोजाना करीब 20 से ज्यादा रेलगाड़ियां दौड़ती है. जिसमें मालगाड़ी भी शामिल है.
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बालू चोरी से बढ़ा खतरा
दरअसल, ये सुनसान इलाका है. जहां बालू माफियाओं बड़े पैमाने पर अवैध खनन कर रही है। पैसों की लालच में बालू माफियाओं ने पिलर के पास से भी बालू की कटाई करने लगे हैं. जिससे रेलवे पुल का एक पाया क्षतिग्रस्त होना शुरू हो गया. लोगों का कहना है कि बालू पिलर को सपोर्ट करता था. लेकिन अब बालू अवैध खनन की वजह से पिलर में दरार आया है
हादसे को निमंत्रण
आपको बता दें कि इस रेलखंड पर श्रमजीवी एक्सप्रेस और बुद्ध पूर्णिमा समेत कई दर्जन भर यात्री गाड़ियां और उससे ज्यादा मालगाड़ी चलती है। फिर भी न तो रेलवे प्रशासन इस क्षतिग्रस्त रेलवे पुल पर ध्यान दे रहा है और न ही स्थानीय प्रशासन. अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में पंचाने नदी की बाढ़ का पानी से यह रेलवे पुल का पाया और तेजी से क्षतिग्रस्त हो सकता है.