शराब माफिया से साठगांठ रखना एक और थानाध्यक्ष को भारी पड़ा है। आरोपी थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया गया है । इसकी जानकारी थाना तो छोड़ दीजिए एसपी साहब तक को नहीं थी। सीधे बिहार पुलिस के मुखिया यानि डीजीपी एसके सिंघल ने कार्रवाई की है ।
किस शराब माफिया से था संबंध
थानेदार के शराब माफिया के साथ साठगांठ को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय को शिकायत मिली थी. बताया जा रहा है कि
जिस शराब माफिया के साथ थानेदार की साठगांठ थी, वो होटल चलाता था। आरोप है कि शराब माफिया ने कई बार बाहर से शराब की खेप मंगवायी है। शराब माफिया का नाम आजाद बताया जा रहा है ।
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क्या है पूरा मामला
मामला राजधानी पटना के बुद्धा कॉलोनी थाने की है। जहां के थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर कैसर आलम को शराब माफिया आजाद के साथ साठगांठ के मामले में डीजीपी एसके सिंघल ने सस्पेंड कर दिया है। बताया जा रहा है कि थानेदार कैसर आलम पर पुलिस महकमे को पहले से शक था। ऐसे में उसके खिलाफ सबूत का इंतजार किया जा रहा था
फोन रिकॉर्ड के आधार पर कार्रवाई
दरअसल, थानेदार कैसर आलम और शराब माफिया के बीच दो दर्जन से अधिक बार बातचीत हुई थी। सूत्रों का कहना है कि ऑडियो में शराब माफिया ये कहते सुनायी दे रहा है कि भैया से बात कर रहे हैं। इंस्पेक्टर कैसर आलम को वो भैया बोलकर संबोधित कर रहा है। इन्हीं सब ऑडियो को सुनने के बाद मद्य निषेध की टीम ने गंभीरता से जांच की। शराब मामले में गंभीर आरोप लगने के बाद थानेदार कैसर आलम को थानेदारी नहीं मिलेगी। उन पर विभागीय कार्रवाई चलाने के निर्देश भी दिये गये हैं। था
थानेदार कर रहे थे छापेमारी
बताया जा रहा है कि बुद्धा कॉलोनी के थानाध्यक्ष कैसर आलम ने कई बार शराब माफियाओं के खिलाफ छापेमारी की थी और शराब जब्त भी की थी। बताया जा रहा है कि किसी को शक ना हो इसलिए वो छापेमारी करता था। लेकिन इस बात का खुलासा तब हुआ जब दीघा इलाके में शराब की खेप पकड़े जाने के बाद मद्य निषेध विभाग की टीम माफिया को तलाश कर रही थी इसी दौरान माफिया के तार इंस्पेक्टर कैसर आलम से जुड़े थे। जिसके बाद कार्रवाई की गई है ।