नालंदा लाइव ने बुधवार को आपको एक खबर बताई थी .. जिसका नाम था दीपनगर में मिली लाश की गुत्थी उलझी..लेकिन एक दिन में ही नालंदा पुलिस ने इसकी गुत्थी को सुलझा लिया है। पुलिस ने शव की पहचान भी कर ली है और हत्यारे को गिरफ्तार भी कर लिया है। आप ये सुनकर सिहर उठेंगे कि 12 साल विक्रम की हत्या कोई और नहीं बल्कि उसके अपने पिता ने की थी। आपको यकीन नहीं हो रहा होगा कि कोई बाप अपने ही बेटे को कैसे और क्यों मार देगा। लेकिन पुलिस जांच में जो सच्चाई सामने आई है वो यही है कि 12 साल के विक्रम की हत्या उसके अपने ही पिता जोगेंद्र यादव ने की थी। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर कोई पिता अपने जिगर के टूकड़े को इतनी बेरहमी से क्यों मार डालेगा ? आखिर 12 साल के विक्रम को किस गलती की इतनी बड़ी सजा मिली है ? यही सवाल जांच करते वक्त पुलिस के दिमाग में आई थी । लेकिन जब पुलिस को इसकी हकीकत पता चला तो सब के सब भौचंक रह गए। सब के मुंह से एक ही शब्द निकला ऐसा होता है क्या ? पूरी कहानी आपको बताएं उससे पहले आपको ये बता दें कि वो 12 साल का विक्रम कौन है और कहां का रहने वाला है जिसकी लाश दीपनगर के बीजवनपर गांव के खंधे में मिली थी ।
कहां का रहने वाला था विक्रम
दीपनगर एक खंधे से मिली लाश की शिनाख्त पुलिस ने कर ली है । 12 साल के मासूम का नाम विक्रम कुमार है और वो गिरियकर थाना ओरानी गांव का रहने वाला था। उसके पिता का नाम योगेन्द्र यादव है । योगेंद्र यादव पर ही अपने बेटे के कत्ल का इल्जाम लगा है । पुलिस ने आरोपी पिता को नवादा जिला के नारदीगंज इलाके से गिरफ्तार किया है। मृतक विक्रम का ननिहाल नवादा के हिरावन बिगहा गांव में है।
अब पूरा मामला समझिए
विक्रम के पिता योगेंद्र यादव और उसकी मां के बीच अक्सर लड़ाई होती रहती थी। गांव वालों के मुताबिक योगेंद्र यादव अक्सर दहेज के लिए अपनी पत्नी को प्रताड़ित करता था। कई लोगों का कहना है कि योगेंद्र यादव को नशे की आदत थी वो हमेशा नशे में रहता था । जब से शराबबंदी हुई तब से गांजा और ताड़ी पीने लगा। शराबबंदी के बाद वो मुंबई चला गया और वहीं किसी प्राइवेट कंपनी में काम करने लगा। 12 मई को वो अपने ससुराल और पत्नी को मुंबई चलने को कहा। फिर उसने अपने बच्चे और पत्नी को लेकर मुंबई चल दिया। पटना से मुंबई जाते वक्त जब ट्रेन मध्यप्रदेश के जबलपुर पहुंची तो वो अपने बेटे को लेकर ट्रेन से उतरा। पत्नी ने पूछा कि कहां जा रहे तो उसने कहा कुछ खाने का सामान लेते हैं तुम बैठी रहो। इतनी देर में ट्रेन खुल गई। उसकी पत्नी बेचैन हो गई। लेकिन उस बेचारी के पास अब कोई दूसरा चारा नहीं था। उसने अपने एक सहयात्री से अपने भाई को फोन करवाया जो मुंबई में ही रहता है । भाई उसे लेने स्टेशन आया । वो भाई के पास चली गई। इधर, योगेंद्र यादव की कोई खबर नहीं मिल रही थी । लेकिन 16 मई नवादा जिला के डोहरा गांव में आरोपी ताड़ी पी रहा था । इस दौरान उसके ससुराल वाले ने उसे देखा और बच्चे के बारे में पूछा । तो उसने बोला कि वो जबलपुर में ट्रेन ने छूट गया है । जिसके बाद ससुराल वालों ने इसे पकड़ लिया और पुलिस को खबर दी। उधर, दीपनगर पुलिस भी एक अनजान लाश की पहचान को लेकर तफ्शीस कर रही थी। जब दोनों मिलान हुआ तो पता चला कि इसने बीवी को सबक सिखाने के लिए अपने बेटे को मार डाला। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि वो ऐसा कर अपनी बीवी को दुख पहुंचाना चाहता था ।
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