मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने एक मंत्री को किया बर्खास्त.. जानिए क्यों

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने एक मंत्री को बर्खास्त कर दिया है । नीतीश कुमार ने राज्यपाल को उन्हें हटाने की सिफारिश की है । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी के पत्र पर राज्यपाल फागू चौहान से उन्हें मंत्रिमंडल से हटाए जाने की अनुशंसा कर दी है। जानकारी के मुताबिक रविवार की शाम राजभवन को मुख्यमंत्री की यह अनुशंसा मिल गयी है। मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गये इस प्रस्ताव पर राज्यपाल चौहान द्वारा मुहर लगाने की औपचारिकता भर रह गई है।

बीजेपी ने हटाने की अपील की थी
बिहार के उप मुख्यमंत्री और बीजेपी विधानमंडल दल के नेता तारकिशोर प्रसाद ने अपने दल की ओर से सीएम को पत्र भेजकर मुकेश सहनी को राज्य मंत्रिमंडल से निकालने का आग्रह किया। जिसमें कहा गया है कि विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के बिहार विधानसभा चुनाव, 2020 में निर्वाचित हुए तीनों विधायकों का भाजपा में अब विलय हो गया है। साथ ही, वीआईपी अब एनडीए का हिस्सा नहीं है। बीजेपी के इस पत्र के बाद मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से वीआईपी प्रमुख सहनी को मंत्रिमंडल से हटाने की सिफारिश राज्यपाल से कर दी है।

20 मार्च को ही हटना हो गया था तय
बताया जाता है कि वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी का राज्य मंत्रिमंडल से हटना 20 मार्च को ही तय हो गया था। इस दिन संध्या में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री व बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता नित्यानंद राय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व तथा प्रदेश इकाई की मुकेश सहनी को लेकर मत से श्री राय द्वारा सरकार के मुखिया को अवगत करा दिया गया। इसके बाद 23 मार्च को विधानमंडल सत्र के बाद भाजपा अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल, उप मुख्यमंत्री द्वय तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी संग वीआईपी के तीनों विधायक राजू सिंह, स्वर्णा सिंह और मिश्रीलाल यादव ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से उनके कक्ष में मुलाकात कर भाजपा को समर्थन देने का पत्र सौंपा। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इन तीनों के भाजपा में विलय को मंजूरी दे दी। देर रात तीनों विधायक भाजपा में शामिल भी हो गये।

बीजेपी लगातार मांग रही थी मुकेश सहनी से इस्तीफा
विधायकों की संख्या शून्य होने के बाद से भाजपा लगातार मुकेश सहनी से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांग रही थी। प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल समेत कई विधायक, सरकार में भाजपा कोटे के मंत्री तक ने उन्हें मीडिया में दिए बयान के माध्यम से इस्तीफा देने की नसीहत दी। हालांकि 24 मार्च की सुबह प्रेस कांफ्रेंस कर सहनी ने घोषणा की थी कि वे इस्तीफा नहीं देंगे और सरकार में काम करते रहेंगे। इसके बाद रविवार को भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया। विदित है कि यूपी चुनाव में भाजपा के खिलाफ मैदान में उतरने और भाजपा तथा प्रधानमंत्री के खिलाफ लगातार टिप्पणी करने को लेकर मुकेश सहनी उसी समय से भाजपा के निशाने पर थे।

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