केंद्र सरकार ने नालंदा जिला को एक तोहफा दिया है । राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए नालंदा जिला का चयन हुआ है . इस मिशन के लिए नालंदा जिला के 100 गांवों का चयन किया गया है .
नालंदा को मिली जगह
ये अभियान देश के 116 जिलों में पहले से चल रहा था। इस बार नालंदा को भी शामिल किया गया है। इस अभियान के तहत हरनौत के 24, इस्लामपुर के 3, हिलसा के 17, थरथरी के 2, बेन के 14, परबलपुर के 5, सिलाव के 18, नूरसराय के 7, अस्थावां के 2, बिंद के 4, रहुई के 2, बिहारशरीफ प्रखंड के दो गांवों का चयन किया गया है।
इन गांवों का किया गया चयन
बिरजु मिल्की, कल्याण विगहा, दलदलीचक, बराह, दामोदरपुर, खजुरा, बलदाह, शरहपुर, सकरौरा, चैनपुरा, सरथा, हृदन विगहा, गिलानीचक, दैली, गोकुलपुर, गोनावां, लोहरा, पोरई, मिरधाचक, छतियाना, डीहरी, चेरन, किचनी, फलहांवा, मुजफरा, बिस्वक, पहड़पुरा, योगीपुर मलांवा, नौगर, भोकीला, सरदार विगहा, भदौल, कपसियांवा, भगतपुर, नवडीहा, धुरगांव, अरांवा, बेलदारीपर, सैदपुर, कंदुआ विगहा, शेखपुरा, बेन, रानू विगहा, मकदुमपुर, हरीओम पुर, बालचंद विगहा, हर प्रसाद विगहा, धरनी धाम, महाविगहा, कोसराना, कृपागंज, मरदान विगहा, हर प्रसाद विगहा, सीता विगहा, कल्याणपुर, शिवनगर, फतेहपुर, नरहर विगहा, माहुरी, सारीलचक, सुरजपुर, शाहपुर, मोहनपुर, नीरपुर, सैदपुर, जगदीशपुर, कपटिया, धरहरा, नियामत नगर, बिंडीडीह, जुनेदी, कदमतल, कमदारगंज, भटविगहा, नारी, मकनपुर, दरूआरा, सरगांव, तेजा विगहा, महादेव विगहा, नदियौना, केशोपुर, अकबरपुर, वभनडीहा, मिल्कीपर, कचहरिया, कुर्मियां विगहा, चैनपुर, नाधा, इंदौत, सरबहदी, धनुकी, गोबर विगहा, नोआंवा, जमसारी, कथराही, मुफ्तीपुर, सुरतपुर, हुसैनपुर, मिल्की मुजफ्फरपुर।
गांवों में क्या क्या किया जाएगा
चयनित गांव में दुधारू पशुओं के लिए देसी नस्ल को सुधार किया जायेगा। किसान जिस नस्ल का पशुपालन कर रहे हैं उसी नस्ल में उन्नत किस्म के सिमेन से कृत्रिम गर्भाधान कराकर और बेहतर दुधारू पशु बनाया जाएगा। इसके लिए प्रतिनियुक्त किए गए चिकित्सक गांव जाकर पशुओं के नस्ल की पहचान करेंगे और उसी जगह पशुओं को देसी नस्ल के सिमेन से एआई करेंगे। इसके अलावा कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र पर भी इस अभियान को चलाया जाएगा। वायफ द्वारा जिले में 30 कृत्रिम गर्भादान खोला गया है। सिमेन उपलब्ध कराने का जिम्मा कंफेड को दिया गया है।
टैंगिंग भी किया जाएगा
कृत्रिम गर्भाधान के साथ-साथ सभी पशुओं को ईयर टैगिंग भी किया जाएगा। सभी गर्भाधान एवं टैंगिंग किए गए पशुओं रिपोर्ट भारत सरकार के पोर्टल ईनाफ पर अपलोड किया जाएगा ताकि सभी रिपोर्ट की मॉनिटरिंग ऑनलाइन की जा सके। प्रतिदिन की रिपोर्ट शाम पांच बजे तक अपलोड कर देना है।
क्या है राष्ट्रीय गोकुल मिशन
दरअसल, देश में दूसरी श्वेत क्रांति लाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की थी. इस मिशन के तहत सरकार देसी नस्ल के दुधारू पशुओं को बढ़ावा देकर दूध के उत्पादन को बढ़ाना चाहती है. इसके अलावा इन पशुओं में होने वाली बीमारियों पर लगाम लगाना भी राष्ट्रीय गोकुल मिशन के मुख्य उद्देश्यों में शामिल है. इस मिशन के लिए राष्ट्रीय पशु प्रजनन एवं डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीबीबीडीडी यानी NPBBDD) को केंद्र में रखा गया है. इसके तहत स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्लों के विकास को वैज्ञानिक तरीके से प्रोत्साहित किया जा रहा है