बिहारशरीफ समेत पूरे नालंदा जिला में कोचिंग में पढ़ने वाले और कोचिंग चलाने वाले के लिए जरूरी खबर है। साथ ही उन छात्रों के लिए भी जरूरी खबर है जो कोचिंग में एडमिशन लेने की सोच रहे हैं। क्योंकि अब किसी भी कोचिंग में एडमिशन के वक्त आपको कैरेक्टर सर्टिफिकेट यानि आचरण प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। तो वहीं कोचिंग खोलने से पहले शिक्षा विभाग से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
डीएम के आदेश में क्या-क्या
नालंदा के डीएम डॉक्टर त्यागराजन ने जिले में चल रहे सभी कोचिंग और नए खुलने वाले कोचिंग संस्थानों के साथ साथ कोचिंग में पढ़ाई करने वाले छात्रों पर बड़ी कार्रवाई की है। अब नालंदा जिला में कहीं भी कोचिंग खोलने से पहले शिक्षा विभाग से रजिस्ट्रेशन करवाा जरूरी हो गया है। साथ ही कोचिंग में पढ़ाने वाले और कोचिंग चलाने वालों के साथ साथ कोचिंग में पढ़ने वालों को थाने में अपना चरित्र प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
इतना ही नहीं, कोचिंग में नामांकन के पहले एडमिशन लेने वाले छात्रों की सूची और उसके व्यवहार और चाल-ढाल की लिखित सूचना भी देनी होगी। ताकि नामांकन के बाद भी अगर किसी छात्र के व्यवहार में बदलाव लाता है तो कोचिंग संचालक इसकी सूचना थाने को देंगे। उनकी सूचना पर पुलिस संस्थान में आकर उस छात्र को बाहर का रास्ता दिखा देंगे। ये फैसला डीएम डॉ. त्यागराजन एस मोहनराम , एसपी सुधीर कुमार पोरिका और डीईओ मनोज कुमार के साथ हुई बैठक में लिया गया है।
संदेह के घेरे में कोचिंग संचालक
दरअसल, पुलिस प्रशासन को कुछ शिक्षकों के भी आचरण संदेह है। कुछ शिक्षकों का पुराना रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। लेकिन वो कोचिंग संस्थान की आड़ में अपना रिकॉर्ड छुपाकर बैठे हैं। इसलिए सभी संचालकों को भी चरित्र प्रमाण पत्र बनाकर देना होगा।
जिला शिक्षा पदाधिकारी को सख्त आदेश
डीईओ को कोचिंग संस्थानों का जल्द रजिस्ट्रेशन करने का आदेश दिया गया है। जो कोचिंग संस्थान मानक के अनुरूप नहीं हों उनपर कार्रवाई करें। कोचिंग एक्ट पर जो संस्थान अमल नहीं कर रहे हैं, उनकी सूची बनाकर जिला प्रशासन को सौंपे। इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आखिर क्यों उठाना पड़ा ये कदम
डीएम डॉक्टर त्यागराजन ने बताया कि 22 कोचिंग संस्थानों के पास लगातार लड़ाई-झगड़े की शिकायत मिल रही है। कोचिंग संस्थान का झगड़ा ही आगे चल कर बड़ा रूप ले लेता है। साथ ही कोचिंग संस्थानों के पास छात्राओं से अक्सर हो रही छेड़खानी की शिकायत सामने आती थी। इसलिए कोचिंग संचालक और छात्रों का चरित्र प्रमाण पत्र की मांग की गई है। जो लोग इसका खिलाफ करेंगे, उनपर कार्रवाई की जाएगी।
डीएम का सभी थानाध्यक्षों को आदेश
जिलाधिकारी ने सभी थानों को आदेश दिया है कि वे कोचिंग में पढ़ने वाले छात्रों का प्रमाण पत्र बनाकर दें। साथ ही, कोचिंग संस्थानों के आसपास पुलिस की तैनाती करें। संचालकों द्वारा दी गयी सूची के हिसाब से छात्रों पर तो नजर रखें ही, संस्थान के निकट जो छात्र संदेहास्पद या असामाजिक हरकत करने वालों पर कार्रवाई करें।
जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के इस सख्त रवैये से जिले के 5 हजार से अधिक कोचिंग संस्थानों पर आफत आ गयी है। इन संस्थानों में लगभग तीन लाख छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं।