नालंदा पुलिस ने हाईटेक तरीके से किडनैपर के चंगुल से अगवा बच्चे को छुड़ाया

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बिहारशरीफ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने छह घंटे के भीतर किडनैपरों के चंगुल से अगवा कारू को छुड़ा में सफल रही। बिहारशरीफ के बैगनाबाद मोहल्ले से 11 साल के सच्चिदानंद उर्फ कारू को अपहरणकर्ताओं ने अगवा कर लिया और फोन कर तीन लाख की फिरौती मांगी। कारू अपनी बड़ी बहन के साथ बैगनाबाद में किराए के एक घर में रहता है। कारू की बहन बिहारशरीफ में ही रहकर पढ़ाई कर रही है। वो नवादा जिले के वारसलीगंज के बादी-चकवाय गांव का रहने वाला है।

खेलते वक्त बदमाशों ने कारू को अगवा किया
बताया जा रहा है कि शाम चार बजे के करीब कारू घर से खेलने के लिए निकला और रात 8 बजे तक घर नहीं लौटा। जिसके बाद उसकी खोजबीन शुरू हुई। इसी दौरान कारू की बहन के फोन पर बदमाशों ने उसके अगवा होने की बात कही और तीन लाख रुपये की फिरौती की मांगी। कारू की बहन को शुरू में तो लगा कि कोई उसके साथ मजाक कर रहा है लेकिन बदमाशों ने जब उसके भाई से उसकी बात कराई तो उसे लगा कि उसके पैर के नीचे से जमीन ही खिसक गई है। पहले तो उसकी बहन को कुछ नहीं समझ में आया लेकिन फिर उसने बिहार थाना को इसकी सूचना दी। किडनैपिंग की खबर मिलते ही पुलिस भी एक्शन में आ गई। खुद जिले के पुलिस कप्तान सुधीर कुमार पोरिका ने इसकी कमान संभाल ली औऱ पूरे मामले की मॉनिटरिंग करने लगे।

लगातार लोकेशन बदल रहे थे बदमाश
स्मार्टसिटी बिहारशरीफ की पुलिस भी स्मार्ट तरीके से इस मामले को सुलझाने में जुट गई। पुलिस ने सबसे पहले उस नंबर को ट्रैस करना शुरू किया जिस नंबर से कारू की बहन को फिरौती के लिए फोन किया गया था। पुलिस लोकेशन ट्रैस कर छापेमारी करती इससे पहले ही बदमाश अपना लोकेशन बदल रहे थे। पुलिस ने चैनपुरा, सकुनतकला समेत कई स्थानों पर छापेमारी की।

फिरौती को लेकर भी हुआ मोलजोल
बदमाशों ने पहली बार तीन लाख रुपए की फिरौती मांगी और पैसे लेकर मणिराम अखाड़ा के पास पहुंचने को कहा। लेकिन करीब एक घंटे बाद बदमाशों ने फिर फोन किया और पैसे मांगे। जिसपर कारु की बहन ने कहा कि वो इतनी जल्दी में इतने पैसे कहां से लाएगी। वो तो खुद पढ़ाई करती है। इतने पैसे उसके पास से कहां से आए और इतनी जल्दी इंतजाम कैसे हो जाएगा। इस मोलभाव के बीच दोनों के बीच फिरौती की रकम 50 हजार रुपये में तय हुआ। और फिरौती की रकम राजगीर पहुंचाने को कहा ।

छापेमारी से डरकर बदमाशों ने बच्चे को छोड़ा
पुलिस टीम लगातार छापेमारी में जुटी थी। रात करीब ढाई बजे छापेमारी से घबराकर बदमाशों ने बच्चे को रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक पर छोड़ दिया। जहां से बच्चे को बरामद कर लिया गया। बदमाशों के चंगुल से छुटने के बाद कारू ने बताया कि गली में एक युवक ने उसका मुंह बंद कर दिया और गोद में उठाकर भागने लगा। पहले तो उसे एक घर में रखा गया। फिर रात को उसे रेलवे ट्रैक पर छोड़ दिया। छापेमारी टीम में दारोगा आलोक रंजन, एएसआई उमेश कुमार, एजाज अहमद, विजय प्रजापति आदि शामिल थे।

बदमाशों की पहचान हुई, जल्द पकड़ा जाएगा- एसपी
नालंदा जिले के पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरिका के मुताबिक सूचना मिलने के छह घंटे बाद ही बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया है। इसमें तकनीक और मोबाइल लोकेशन के सहारे पुलिस कार्रवाई की थी। एसपी सुधीर कुमार पोरिका के मुताबिक इसमें तीन बदमाशों की पहचान की गई है और उसकी धर-पकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है।

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