नालंदा को बिहार में सब्जी की राजधानी कहा जाता है। सूबे में सबसे ज्यादा सब्जी का उत्पादन भी नालंदा जिला में ही होता है। ऐसे में सब्जी की उत्पादकता को और बढ़ाने के लिए इजरायल आगे आया है। अब नालंदा में भी राज्य का पहला सेंटर ऑफ एक्सेलेंस फॉर वेजीटेबल बनेगा।
क्या है सेंटर ऑफ़ एक्सेलेंस फॉर वेजीटेबल ?
सेंटर ऑफ़ एक्सेलेंस फॉर वेजीटेबल एक रिसर्च सेंटर है । जहां सब्जी की उन्नत किस्म का बीज तैयार किया जाता है । साथ ही जैविक खाद से सब्जी की खेती करने के गुर सिखाये जाते हैं। इस सेन्टर पर देश और विदेश के किसान आते है और यहां से सब्जी की उन्नत खेती का टिप्स लेकर जाते हैं।
कहां बनेगा सेंटर ऑफ़ एक्सेलेंस फॉर वेजीटेबल ?
नालंदा के चंडी में 3 करोड़ 42 लाख की लागत से सेंटर ऑफ़ एक्सेलेंस फॉर वेजीटेबल भवन का निर्माण किया जाएगा। भवन निर्माण विभाग के एक्सक्यूटिव इंजीनियर सुभाष कुमार गुप्ता के मुताबिक दो माह के भीतर बिल्डिंग के निर्माण का काम शुरु करा दिया जाएगा। इस भवन के अंदर एक बड़ा हॉल बनेगा। साथ ही शौचालय पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी।
आपको बता दें कि इजरायल बहुत ही छोटा देश है। उसके खेती के लायक जमीन तक नहीं है। लेकिन अपनी उन्नत तकनीक और इच्छाशक्ति की बदौलत उसकी गिनती दुनिया के बड़े सब्जी उत्पादक देशों में की जाती है। क्योंकि वो जैविक फॉर्मिंग करता है। जैसे छतों पर, दीवारों पर, बालकोनी में इत्यादि जगहों पर सब्जी उगाने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। इजरायल की इसी तकनीक से प्रभावित होकर भारत सरकार ने नालंदा जिला में भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजीटेबल खोलने का फैसला लिया था। ताकि सब्जी के क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाई जाय। किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाए। इससे पहले हरियाणा के करनाल में ये प्रोजेक्ट चल रहा है । जहां बड़े पैमाने पर अलग-अलग किस्मों की सब्जी उपजाई जा रही है ।