
कोरोना काल में हर तरफ निराशा का माहौल है । इस बीच बिहार के किसान सलाहकारों के अच्छी खबर है। उनका मानदेय बढ़ गया है । साथ ही अब आकास्मिक निधन होने पर परिवार वालों को मुआवजा भी मिलेगा।
किसान सलाहकारों का मानदेय बढ़ा
किसानों के मददगार बन रहे किसान सलाहकारों के मानदेय और सुविधाओं को बिहार सरकार ने बढ़ा दिया है। किसान सलाहकारों के मानदेय में एक हजार रुपए प्रति महीने की बढ़ोत्तरी की गई है । अब किसान सलाहकारों को प्रति महीने मानदेय के रूप 13 हजार रुपये मिलेंगे। ये लाभ एक अप्रैल 2021 से ही लागू हो गया है। यानि उन्हें इसका एरियर भी मिलेगा
आश्रितों को मुआवजा मिलेगा
बिहार सरकार ने किसान सलाहकारों की जो सुविधाएं बढ़ाई है। उसमें मुआवजे का प्रावधान किया गया है । इसके तहत अगर किसी किसान सलाहकार का निधन सेवाकाल में हो जाता है तो उनके परिजनों या आश्रितों को चार लाख रुपए मुआवजा के तौर पर मिलेंगे । चाहे उनका निधन कोरोना से हुआ हो या अन्य किसी वजहों से हुआ हो। उन्हें हर हाल में इसका फायदा मिलेगा। इस अनुग्रह अनुदान की सारी प्रक्रिया जिलों से ही होनी है। इसकी जिम्मेदारी जिला कृषि पदाधिकारी को सौंपी गई है।
कौन होते हैं किसान सलाहकार
ग्राम पंचायत स्तर पर किसान केंद्र चलाने के लिए कृषि विभाग ने राज्य योजना के तहत प्रगतिशील किसानों का किसान सलाहकार के रूप में चयन किया था। इनका प्रमुख काम कृषि विभाग की योजनाओं के प्रचार-प्रसार, सत्यापन, मिट्टी की जांच करवाना, खेती के लिए किसानों को बैंक से लोन दिलाने में मदद करना है।
प्रत्येक पंचायत में किसान सलाहकार
बिहार सरकार ने प्रत्येक पंचायत पर एक किसान सलाहकार की तैनाती करने का प्रावधान किया है। बिहार में अभी आठ हजार पंचायतें हैं। लेकिन राज्य में अभी सिर्फ 6327 किसान सलाहकार ही कार्यरत हैं। बिहार सरकार ने किसान सलाहकारों के मानदेय के भुगतान के लिए एक अरब दस लाख 39 हजार रुपये की मंजूरी दे दी है।
साल कितना मानदेय
साल 2010 – 2,500 रुपए/ महीने
साल 2012 – 5,000 रुपए/ महीने
साल 2014 – 6,000 रुपए/ महीने
साल 2015 – 8,000 रुपए/ महीने
साल 2017 – 12,000 रुपए/ महीने
साल 2021- 13,000 रुपए/ महीने