RRB-NTPC Result को लेकर बिहार-यूपी और झारखंड के आंदोलनकारी छात्रों की बड़ी जीत हुई है । रेलमंत्रालय ने उनकी मांगों को मान लिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात का फैसला लिया है । जिसके मुताबिक 20 गुना अधिक अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा ।
क्या हुआ फैसला
रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक आरआरबी एनटीपीसी भर्ती प्रक्रिया को लेकर तीन लाख सुझाव मिले थे। जिनमें 2.18 लाख रेलवे की वेबसाइट पर, 64 हजार ईमेल पर और 1380 अभ्यर्थियों ने रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) दफ्तर में जाकर सुझाव सौंपे हैं। बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों ने रेलवे में रिक्त पदों की अपेक्षा 20 गुना अधिक अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने का मौका देने की मांग की है। इसके मद्देनजर रेल मंत्री ने अधिक अभ्यर्थियों को मौका देने का निर्णय लिया है।
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क्या होगा फायदा
35,000 एनटीपीसी पदों पर भर्ती के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) लेवल-1 की परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या साढ़े चार लाख के आसपास रही। इसका कारण यह रहा कि रेलवे के चयनित उम्मीदवारों के रोल नंबर जारी किए गए। एक अभ्यर्थी कई पदों पर पास हुए। जबकि शेष पदों को उनको छोड़ना होगा। आंदोलन करने वाले अभ्यर्थियों की मांग थी कि रेलवे रोल नंबर के बजाए उम्मीदवारों का चयन करे। जिससे सात लाख की संख्या पूरी हो जाएगी। लेवल-1 में मेरिट आधार पर तीन लाख अभ्यर्थियों को चयन किया जाएगा।
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आंदोलन की जीत
आपको बता दें कि जनवरी के महीने में बिहार, यूपी और उत्तराखंड में आरआरबी एनटीपीसी के रिजल्ट को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन हुआ था। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आग लगा दी थी तो कई जगहों पर पुलिस और छात्रों के बीच हिंसक झड़प हुई थी । मामला बढ़ा तो रेल मंत्रालय जागा था और खुद रेलमंत्री मीडिया के सामने आकर छात्रों की मांगों पर विचार करने का फैसला किया था। अब उन्होंने छात्रों की मांगों को मान लिया है ।