भारत का मिसाइल पाकिस्तान में गिरा.. संयोग या प्रयोग?

0

यूक्रेन और रुस में इस वक्त भीषण जंग चल रहा है । इस बीच भारत का एक मिसाइल पाकिस्तान में गिरा है । पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसके इलाके में भारत का एक मिसाइल गिरा है । पाकिस्तान के दावे के बाद भारत सरकार की तरफ से भी जवाब आया है। भारत सरकार ने इसे तकनीकी खराबी बताया है। भारत ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं

क्या है मामला
दरअसल, 9 मार्च को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मियां चन्नू शहर में भारत का एक सुपरसोनिक मिसाइल जा गिरा। पाकिस्तानी की सेना ने 10 मार्च को दावा किया कि उसने कथित तौर पर भारत से उसके हवाई क्षेत्र में आ रही एक मिसाइल का पता लगाया है, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गिर गया।

पाकिस्तान का क्या है कहना
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने मीडिया से कहा, ‘9 मार्च को शाम छह बजकर 43 मिनट पर एक तेज गति से उड़ने वाली वस्तु ने भारतीय क्षेत्र से उड़ान भरी और वह अपना मार्ग भटक कर पाकिस्तान के क्षेत्र में प्रवेश कर गई तथा गिर गई। उसके गिरने से असैन्य इलाकों को कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन इसमें किसी की जान नहीं गई।”

भारत का जवाब
मिसाइल वाली घटना पर भारत सरकार ने भी सफाई दी । भारत का कहना है कि यह पता चला है कि मिसाइल ने पाकिस्तान के एक क्षेत्र में लैंड किया। जहां एक तरफ यह घटना अत्यंत खेदजनक है, राहत की बात यह भी है कि दुर्घटना के कारण किसी की जान नहीं गई है। मिसाइल की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है और एक हाई लेवल कोर्ट ऑफ इनक्वायरी का आदेश दिया है।”

पाकिस्तान का दावा
पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि एक निहत्थे भारतीय सुपरसोनिक मिसाइल ने सिरसा से उड़ान भरी और बुधवार शाम को पाकिस्तानी क्षेत्र में 124 किलोमीटर की दूरी पर उतरी। यह कहा गया है कि मिसाइल, 40,000 फीट की ऊंचाई पर मंडरा रही थी और भारतीय और पाकिस्तानी दोनों हवाई क्षेत्र में यात्री उड़ानों और जमीन पर नागरिकों और संपत्ति को भी खतरे में डाल रही थी।

क्या है भारत-पाकिस्तान का समझौता?
बैलिस्टिक मिसाइलों के फ्लाइट टेस्ट की पूर्व-सूचना पर भारत और पाकिस्तान के बीच 2005 में समझौता हुआ था। समझौते के अनुसार, प्रत्येक देश को फ्लाइट टेस्ट से कम से कम तीन दिन पहले सूचित करना होता है, चाहे वह सतह से सतह पर, जमीन पर या समुद्र से प्रक्षेपित मिसाइले हैं। इसमें आगे कहा गया है कि प्रक्षेपण स्थल अंतरराष्ट्रीय सीमा या नियंत्रण रेखा से 40 किमी के भीतर नहीं गिरना चाहिए और नियोजित प्रभाव क्षेत्र 75 किमी के भीतर नहीं आना चाहिए।

Load More Related Articles
Load More By Nalanda Live
Load More In खास खबरें

Leave a Reply

Check Also

योगी राज में मारा गया एक और माफिया.. कई जिलों में धारा 144 लगाई गई

कहा जाता है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माफिया के लिए काल हैं.. उनके राज में कोई…