गर्मी ने तोड़ा रिकॉर्ड, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट.. टेंशन में सरकार

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बिहार में चैत के महीने में ही प्रचंड गर्मी पड़ रही है। जिससे लोगों को परेशानी बढ़ गई है । मौसम का पारा लगातार चढ़ रहा है. अप्रैल में ही मई जून सी गर्मी का अहसास होने लगा है. वहीं, गर्मी से राहत मिलने के अभी कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. लोग कहने लगे हैं कि चैत में ये हाल है तो वैशाख और ज्येष्ठ के महीने में क्या होगा। मौसम विभाग ने हीट वेब को लेकर अलर्ट जारी किया है। वहीं, प्रशासन का टेंशन भी बढ़ गय है । प्रशासन को चिंता है कि जिस तरह से बिहार में गर्म हवा बह रही है वैसे में कहीं तीन साल पहले जैसे हालात न हो जाएं।

पारा 43 डिग्री के पार
मौसम विभाग के मुताबिक बिहार में अधिकतम तापमान 43 डिग्री पार हो गया है। पिछले 24 घंटे में बक्सर में सबसे अधिक 43.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, शेखपुरा में 42.8 डिग्री सेल्सियस,जमुई में 42.1 डिग्री सेल्सियस,गया 41.7 डिग्री सेल्सियस, नालंदा 41.1 डिग्री सेल्सियस और राजधानी पटना में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा। नालंदा, नवादा, औरंगाबाद में भी अधिकतर स्थानों पर लू की स्थिति बनी हुई है।

मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने लू के खतरे को लेकर लोगों को अलर्ट कर दिया है। मौसम विभाग ने आम लोगों के लिए अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि नालंदा,शेखपुरा,बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई और बांका ऐसे जिले हैं जहां बड़ा खतरा है।

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मौसम विभाग ने बढ़ाई निगरानी
अप्रैल के महीने में गर्म हवा की रफ्तार 22 से 24 किलोमीटर प्रति घंटे की हो गई है। यानी खतरे की घंटी 50 प्रतिशत पहुंच गई है। अगर इसकी स्पीड 40 किलोमीटर तक पहुंच गई तो ये कहर बरपाएगा। गर्म हवा की रफ्तार को लेकर औरंगाबाद, गया, नवादा, सासाराम और भभुआ को प्लेटिव रीजन बताते हुए मौसम विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है।

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क्या होता है प्लेटिव रीजन
मौसम के जानकारों के मुताबिक औरंगाबाद, गया, नवादा, सासाराम और भभुआ बिहार के प्लेटिव रीजन हैं। इन पठारी क्षेत्रों की प्रकृति ही ऐसी है जो थोड़ी सी गर्मी में काफी गर्म हो जाते हैं। इस कारण से इन क्षेत्रों में खतरा अधिक होता है। साल 2019 के मध्य जून माह में अचानक से औरंगाबाद में गर्म हवा की रफ्तार 40 किलो मीटर प्रति घंटे की हो गई।

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गर्म हवा ने मचाई थी तबाही
साल 2019 में गर्म हवा के रफ्तार ने तबाही मचा दी थी और अचानक से गर्मी के कारण लोगों की मौत होने लगी। औरंगाबाद और गया में दो दिनों में 24 लोगों की मौत हो गई। देखते ही देखते चार दिन में 137 लोगों की हीट वेव से जान चली गई थी। मौत का यह तांडव गर्म हवा की रफ्तार कम होने के बाद ही थमा।

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वैसे ही हालत बनने लगे
हालात 2019 की तरह ही संकेत दे रहे हैं। अप्रैल माह अभी मध्य भी नहीं हुआ है और औरंगाबाद में गर्म हवा की रफ्तार 22 से 24 किलो मीटर प्रति घंटे तक पहुंच जा रही है। प्लेटिव क्षेत्र में हवा की रफ्तार 2019 वाले खतरे से 50 प्रतिशत पहुंच गई है, इसकी रफ्तार में ऐसे ही बढ़ोत्तरी हुई तो मौत की तबाही तय है।

बचाव ही उपाय है
गर्मी जिस हिसाब से बढ़ रही है, ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरुरत है। हीट वेब में बचाव ही सेहत के लिए बड़ा उपाय है। बिना काम के घर से नहीं निकलने की चेतावनी दी गई है। यह अलर्ट कर दिया गया है कि लू से बचने के लिए उचित सावधानी बरती जाए तथा अनावश्यक तरीके से घर से बाहर नहीं निकला जाए।

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