सत्येंद्र सिंह हत्याकांड में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला.. जानिए पूर्व सांसद विजय कृष्ण का क्या हुआ

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सत्येंद्र सिंह हत्याकांड में पटना हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है । साल 2009 में ट्रांसपोर्टर सत्येंद्र सिंह की हत्या हुई थी । जिसमें आरजेडी के पूर्व सांसद विजय कृष्ण और उनके बेटे चाणक्य को निचली अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। अब इस मामले में पटना हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिली है ।

विजय कृष्ण समेत चार बरी
ट्रांसपोर्टर सत्येंद्र सिंह मर्डर केस (Satyendra Singh Murder Case) में पूर्व सांसद विजय कृष्ण, उनके बेटे चाणक्य उर्फ गुड्डू और दो अन्य को पटना हाईकोर्ट (Patna Highcourt) ने बरी कर दिया है। जस्टिस एएम बदर और जस्टिस सुनील कुमार पंवार की खंडपीठ ने सभी चार दोषियों की अपील पर सुनवाई करते हुए बरी करने का फैसला सुनाया। पूरे मामले मामले में लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने नौ मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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निचली अदालत ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा
निचली अदालत ने सत्येंद्र सिंह हत्याकांड में दोषी पाए जाने के बाद पूर्व सांसद विजय कृष्ण समेत चार को आजीवन कारावास की सजा दी थी। सिविल कोर्ट ने पूर्व सांसद विजय कृष्ण, उनके बेटे चाणक्य, बॉडीगार्ड उमेश सिंह समेत चार को दोषी पाया था। पूर्व सांसद अपने बॉडी गार्ड उमेश प्रसाद सिंह के साथ नौ साल से जेल में थे।

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2009 में हुई थी सत्येंद्र सिंह की हत्या
सत्येंद्र सिंह की हत्या 23 मार्च 2009 में हुई थी, उनका शव गंगा नदी से बरामद हुआ था। जिसमें परिजनों की शिकायत पर पूर्व सांसद समेत चार अन्य के खिलाफ 24 मई, 2009 को पटना के श्रीकृष्णपुरी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने मामले की जांच कर चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी। उन पर अपहरण, हत्या, आपराधिक साजिश और सबूत नष्ट करने के आरोप लगाए गए थे।

पटना हाईकोर्ट से मिली राहत
अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश-10 पटना की कोर्ट ने दो दिसंबर 2013 को चारों आरोपियों को हत्या का दोषी करार दिया था। इसी अदालत ने चार दिसंबर 2013 को चारों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को पूर्व सांसद ने पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें सुनवाई के बाद सभी को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा से बरी कर दिया।

नीतीश कुमार को हराया था
आपको बता दें कि विजय कृष्ण ने बाढ़ संसदीय सीट से नीतीश कुमार को हराकर हराकर सांसद बने थे । विजय कृष्ण कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी हुआ करते थे । लेकिन बाद में वो नीतीश कुमार का साथ छोड़कर आरजेडी में शामिल हो गए थे । जिसके बाद आरजेडी ने साल 2004 में बाढ़ से विजय कृष्ण को उम्मीदवार बनाया था । जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार को मात दी थी । हालांकि नीतीश कुमार उस बार बाढ़ और नालंदा दोनों सीट से उम्मीदवार थे। ऐसे में नीतीश कुमार भले ही बाढ़ से हार गए थे लेकिन वो नालंदा से जीतकर संसद पहुंचे थे। इसके बाद ही परिसीमन हुआ था और बाढ़ संसदीय सीट को खत्म कर दिया गया था ।

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