राजगीर सीट पर NDA उम्मीदवार की मुश्किलें बढ़ने वाली है.. जानिए क्यों ?

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नालंदा जिला का राजगीर सीट एनडीए का परंपरागत सीट माना जाता है. यहां से पहले बीजेपी के सत्यदेव नारायण आर्य चुनाव जीतते थे. पिछली बार यहां से जेडीयू के रवि ज्योति ने सत्यदेव नारायण आर्य को हराया था. लेकिन इस बार समीकरण उल्टा है. जेडीयू और बीजेपी मिलकर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में राजगीर सीट जेडीयू के कोटे में गई है और यहां से एनडीए ने संयुक्त उम्मीदवार उतारा है.

कैसे मिला कौशल किशोर को टिकट ?
पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से जेडीयू जीती थी. लेकिन ये सीट बीजेपी की परंपरागत सीट है. ऐसे में बीजेपी राजगीर सुरक्षित सीट पर अपनी दावेदारी जता रही थी. जबकि ये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले की सीट है. ऐसे में दोनों पार्टियों ने इसका हल निकाला. सीट जेडीयू को दी गई. लेकिन नेता बीजेपी का उतारा गया. जैसे लोकसभा चुनाव में सुनील कुमार पिंटू को लेकर हुआ था. आनन फानन में बीजेपी के दिग्गज नेता और हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के बेटे कौशल किशोर उर्फ मणिकांत को जेडीयू में शामिल कराया गया और उन्हें मैदान में उतारा गया.

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बागी बढ़ाएंगे मुश्किलें ?
जेडीयू ने सत्यदेव नारायण आर्य के बेटे कौशल किशोर उर्फ मणिकांत को राजगीर से टिकट दिया तो उनके मौजूदा विधायक रवि ज्योति बेटिकट हो गए. रवि ज्योति ने पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में प्रवेश लिया था. रवि ज्योति की गिनती साफ सुथरी छवि और क्षेत्र में काम करने वाले नेताओं में होती है. उनके साथ कार्यकर्ताओं की एक फौज भी है.. जो टिकट काटे जाने से नाराज है. सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि रवि ज्योति कांग्रेस के टिकट से राजगीर से चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे में रवि ज्योति के साथ आरजेडी के कार्यकर्ता,जेडीयू के नाराज कार्यकर्ता,कांग्रेस समर्थक और उनके काम से प्रभावित क्षेत्र की जनता का समर्थन मिल सकता है. जो कौशल किशोर के लिए खतरे की घंटी है.

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मंजू मुखिया ने उड़ाई नींद
एक कहावत है ना कि एक तो नीम ऊपर से करेला.. कुछ ऐसा ही राजगीर विधान सीट पर एनडीए उम्मीदवार के लिए होने वाला है. जेडीयू के मौजूदा विधायक रवि ज्योति कांग्रेस के टिकट पर यानि महागठबंधन के उम्मीदवार बनने वाले हैं. तो वहीं, बीजेपी की स्थानीय नेता और जिला मंत्री ने भी पार्टी से विद्रोह कर दिया है. नयी पोखर पंचायत की मुखिया मंजू देवी ने भी पार्टी से विद्रोह करते हुए एलजेपी का दामन थाम लिया है। बताया जा रहा है कि वे लोजपा से चुनाव लड़ेगी. ऐसे में कौशल किशोर उर्फ मणिकांत की रात की नींद गायब जरूर हो गयी होगी

कौशल किशोर के पक्ष में बातें
1. सबसे पहली बात की कौशल किशोर उर्फ मणिकांत. बीजेपी के दिग्गज नेता और हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के बेटे हैं. सत्यदेव नारायण आर्य राजगीर सुरक्षित सीट से 8 बार विधायक रह चुके हैं

2. जेडीयू का सिंबल- कौशल किशोर को जेडीयू ने अपना उम्मीदवार बनाया है. ये सीट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले की सीट है. राजगीर में नीतीश कुमार ने विकास का काफी काम कराया है. ऐसे में नीतीश कुमार के नाम का फायदा उन्हें मिल सकता है

कौशल किशोर के विपक्ष में बातें
1. बागी बढ़ा सकते हैं परेशानी
2. वंशवाद का आरोप

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