नालंदा जिला में सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी की खबर कोई नयी नहीं है। मनरेगा से लेकर दूसरी योजना में वार्ड पार्षद से लेकर मुखिया के बंदरबांट की खबरें अक्सर आती रहती है। लेकिन इस बार जो ख़बर आई है वो थोड़ा हटकर है । क्योंकि यहां लोगों का आरोप है कि वे खून पसीना एककर चबूतरा बनाए। लेकिन मुखिया जी ने मनरेगा का बोर्ड लगाकर लाखों रुपए की निकासी कर ली।
कहां का है मामला
मामला सिलाव प्रखंड के सब्बैत पंचायत के भदारी गांव का है । जहां के लोगों का आरोप है कि मुखिया ने सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर धांधली की है । गांववालों का कहना है कि पहले तो गांव के लोगों ने श्रमदान कर चबूतरा बनाया था । जिसपर पर मनरेगा का बोर्ड लगाकर पैसा निकाल लिया । वहीं छठ घाट के निर्माण में भी धांधली का आरोप है ।
मनरेगा का बोर्ड लगाकर निकाला पैसा
भदारी गांव के लोगों का कहना है कि गांव में तीन जगहों पर बाबा स्थान,भोला स्थान और बजरंगबली स्थान पर चबूतरे का निर्माण किया गया है । इसका निर्माण गांव वालों ने श्रमदान कर और आपस में चंदा इक्ट्ठा कर किया था। लेकिन बाद में गांव के बिचौलिए और मुखिया ने मनरेगा का बोर्ड लगाया और उपरी सतह पर मरम्मति का नाम दिखाकर 3-3 लाख रुपए की निकासी कर ली । गांव के लोगों का आरोप है कि इस फर्जीवाड़े की जानकारी प्रखंड के पीओ से लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी तक को है । लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई है ।
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छठ घाट के निर्माण में घोटाला
ग्रामीणों का आरोप है कि मुखिया और गांव के बिचौलिए ने चबूतरा ही नहीं छठ घाट के निर्माण में भी घोटाला किया है । गांववालों का कहना है कि 4 महीने पहले मीठी पोखर पर 8 लाख की लागत से छठ घाट का निर्माण कराया गया था। छठ आने से पहले ही जर्जर स्थिति में पहुंच गया है। घाट की हालत ऐसी हो गई है कि कभी भी वहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
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उच्च स्तरीय जांच की मांग
भदारी के रहने वाले दर्जनों ग्रामीणों ने इस मामले में जांच कराने की मांग की है। ताकि सब्बैत पंचायत के भदारी गांव में मनरेगा के तहत जो सरकारी खाने की लूट हुई उसका सच सामने आए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो। भदारी गांव के ही संजीत कुमार ने इसकी लिखित शिकायत जिले के वरीय अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक की है ।
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मुखिया की सफाई
इस बाबत जब नालंदा लाइव (Nalanda Live) ने सब्बैत पंचायत के मुखिया फखरु ज़मा से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि इसमें कोई धांधली नहीं हुई है । सारा निर्माण नियम के तहत कराया गया है । फिर भी किसी को संदेह है तो वे इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की जाय. वे कोई जांच के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि चुनाव का वक्त है ऐसे में विपक्ष इस तरह के आरोप लगाते ही हैं। जिस चबूतरे पर बैठकर वो फोटो खिंचवा रहे हैं उसे गांववालों ने नहीं बल्कि मनरेगा के तहत निर्माण कराया गया था।आपको बता दें कि फ़खरु ज़मा को स्वच्छता के क्षेत्र में किए गए अच्छे कार्य के लिए प्रधानमंत्री ने सम्मानित भी किया।