पटना मेट्रो रेल परियोजना के डिजायन में बदलाव किया गया है। पटना जंक्शन से राजेंद्र नगर तक जाने वाले दो कॉरिडोर के अंडरग्राउंड हिस्से का काम जल्द शुरू होगा. साथ ही पीएमसीएच के पास मेट्रो का डिजाइन बदल दिया गया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा पटना मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल यानि पीएमसीएच आने-जाने वाले मरीजों को मिलेगा.
अंडरग्राउंड गुजरेगी पटना मेट्रो
अब पटना मेट्रो रेल निर्माणाधीन विश्व स्तरीय पीएमसीएच परिसर के नीचे से गुजरेगी, जहां अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन भी होगा. मेट्रो और अस्पताल के जुड़ाव के लिए प्रवेश और निकास द्वार की दोनों ओर 30 मीटर का छोटा सब-वे भी बनाया जायेगा. स्टेशन में दो लिफ्ट और तीन एस्केलेटर भी लगे होंगे.
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आने में होगी आसानी
पटना मेट्रो का निर्माण कर रही दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के प्रधान कार्यकारी निदेशक (संचार) अनुज दयाल ने बताया कि राज्य सरकार पीएमसीएच में बेड की संख्या बढ़ा कर 4200 करने जा रही है. इससे इस क्षेत्र में ट्रैफिक में बढ़ोतरी होगी. ऐसे में मेट्रो स्टेशन के शुरू होने से इस क्षेत्र में ट्रैफिक संबंधी चिंताएं कम कर पाना संभव हो सकेगा. मेट्रो स्टेशन बनने से हर दिन पीएमसीएच आने वाले मरीजों को आसानी होगी.
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तोड़नी पड़तीं कई इमारतें
डीएमआरसी के अनुसार, पहले पीएमसीएच के पास एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन का प्रस्ताव था. इस स्टेशन के डिजाइन के अनुसार इसकी लाइन को बहुत घनी आबादी वाले आवासीय व व्यावसायिक इलाकों से होकर गुजरना था. बाद में यह महसूस किया गया कि एलिवेटेड हिस्से को बनाने के लिए बड़ी संख्या में इमारतों को आंशिक या पूरी तरह से ढहाना पड़ेगा. इसके अलावा व्यस्त सड़क पर स्टेशन के निर्माण से सड़क यातायात ठप हो जायेगा, क्योंकि कैथोलिक चर्च और पीएमसीएच के बीच अशोक राजपथ बहुत संकरा है. ऐसे में डिजाइन में बदलाव किया गया.
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ये होंगे दो कॉरिडोर
– 17.93 किमी : दानापुर-मीठापुर कॉरिडोर
– 14.56 किमी : पटना जंक्शन-पाटलिपुत्र बस टर्मिनल कॉरिडोर
– पटना जंक्शन से अशोक राजपथ होते हुए राजेंद्र नगर तक अंडरग्राउंड मेट्रो निर्माण का काम जल्द
– 1925 में प्रिंस ऑफ वेल्स की पटना यात्रा की याद में हुई थी पीएमसीएच की स्थापना
– 4200 बेडों के विश्वस्तरीय अस्पताल के रूप में इसे विकसित कर रही है राज्य सरकार