नालंदा के एक और लाल ने कामयाबी का परचम लहराया है। हलधर कुमार सेठी ने झारखंड लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित छठी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है. उनका चयन एसडीएम के पद पर हुआ है .
SDM पद पर चयन
नालंदा जिला के अस्थावां प्रखंड के शेरपुर गांव के रहने वाले हलधर कुमार सेठी ने जेपीएसी में 63वां रैंक हासिल किया है। उन्होंने बड़े संघर्षों के बाद ये मुकाम हासिल किया है।
स्वभाव से मृदुभाषी
हलधर कुमार सेठी ने 10वीं तक की पढ़ाई बिहारशरीफ के आदर्श हाई स्कूल से की। इसके बाद पटना यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। स्नातक करने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए . फिर दिल्ली जाकर कोचिंग की. हलधर सेठी स्वभाव से मृदुभाषी हैं.
बचपन से ही सिविल सेवा में जाने की थी इच्छा
हलधर सेठी बचपन से ही सिविल सेवा में जाना चाहते थे. क्योंकि उनके पिता द्वारिका प्रसाद बीडीओ थे. उनका कहना है कि वे पापा से प्रभावित होकर बचपन से सिविल सर्विस में आना चाहते थे. ताकि समाज के विकास में अपना योगदान कर सकें.
संघर्षों भरा रहा दौर
हलधर के पिता बीडीओ थे. भाई धर्मवीर कुमार IES हैं. अभी बीएसएनएल में डीजीएम के पद कर कार्यरत हैं ऐसे में आर्थिक दिक्कतें तो कभी नहीं आई. लेकिन बहनोई और पिता का गुजर जाना काफी सालता है। 2013 में जब बहनोई का निधन हुआ तो मेरी बहन काफी टूट गई। बहन का दुख मुझसे देखा नहीं गया। इसके बाद किसी तरह हिम्मत कर पढ़ाई जारी रखी।
4 साल बाद आया रिजल्ट
छठी जेपीएससी में 63 वां रैंक लाने वाले हलधर सेठी कहते हैं कि यूपीएससी और बीपीएससी में 3-3 बार प्रयास के बावजूद सफलता नहीं मिल पायी। उन्होने कहा कि 2016 के वैकेंसी का रिजल्ट अब जारी हुआ है। ये 4 साल काफी संघर्ष भरा रहा। इस दौरान उनके दोस्तों का काफी सहयोग रहा
हिम्मत न हारें धैर्य रखें
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों को हलधर कहते हैं कि हिम्मत न हारे, धैर्य रखें। जो भी पढ़े उसका बारीकी से अध्ययन करें। खुद से नोट्स तैयार करे और हर टॉपिक पर सेल्फ असेसमेंट करें। किताब पढ़े और अखबार जरूर पढ़ें। सफलता नहीं मिले तो घबराएं नहीं, जिंदगी यही पर खत्म नहीं हो जाती है।