नालंदा जिला के परबलपुर प्रखंड के एक स्कूल में पिछले छह से दिनों से ताला लटका है। बच्चों को पढ़ाने के लिए मास्टर साहब भी आ रहे हैं लेकिन स्कूल में ताला बंद रहने की वजह से वे लोग पेड़ के नीचे बैठक कर ड्यूटी पूरी कर घर लौट जा रहे हैं। मामला पिलीछ पंचायत के तारा बिगहा गांव की है। जहां गांव वालों ने सड़क बनवाने की मांग को लेकर प्राइमरी स्कूल में ताला जड़ दिया है। गांव वालों का कहना है कि उनकी शिकायत जब नहीं सुनी जा रही है तो उनके पास इसके अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचा था। इस स्कूल में करीब डेढ़ बच्चे पढ़ाई करते हैं।
6 दिन बाद विधायक और अधिकारियों को होश आया
सूचना मिलने पर आरजेडी विधायक शक्ति सिंह यादव, बीडीओ और थाना प्रभारी के साथ गांव पहुंचे। विधायक शक्ति यादव ने ग्रामीणों से कहा कि सड़क की स्वीकृति मिल गई है। जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा। विधायक ने कहा कि 15 मई से काम शुरू कर दिया जाएगा। तब ग्रामीणों का जवाब था 15 मई से ही विद्यालय खुलेगा।
ग्रामीणों की शिकायत
गांववालों का कहना है कि मुख्यमंत्री हर गांव टोले और बसावट को पक्की सड़क से जोड़ने की बात कह रहे हैं लेकिन तारा बिगहा वर्षों से सड़क के लिए उपेक्षित है। जब तक ऊपर के अधिकारी या जनप्रतिनिधि गांव आकर सड़क के लिए लिखित आश्वासन नहीं देते विद्यालय का ताला नहीं खुलेगा। लोगों ने कहा कि स्थानीय सांसद और विधायक से कई बार सड़क के लिए कहा गया लेकिन इस उपेक्षित गांव पर ध्यान नहीं दिया गया।
गांव में सड़क होनी चाहिए साथ ही सारी सुविधाएं भी मुहैया होनी चाहिए । लेकिन सवाल ये उठता है कि बच्चों के भविष्य का दांव पर लगाना कहीं से भी जायज नहीं कहा जा सकता है। क्या गांव वालों ने इसकी शिकायत डीएम साहब से की? गांववाले क्यों नहीं मुख्यमंत्री के जनता दरबार तक जाने की कोशिश की ? गांव वालों ने इसकी शिकायत क्यों नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय से की । गांव वाले अपने जनप्रतिनिधि को घुटने के बल बैठने के बल मजबूर क्यों नहीं करते हैं ? क्योंकि जब वोटिंग की बात आएगी तो यही गांव वाले जात-पात के नाम पर और पैसों पर अपना वोट बेच देते हैं । फिर आप कैसे मजबूर करेंगे । नालंदा लाइव आप से अपील करता है कि आप एकजुट हों । ताकत बनें। एकजुट होकर वोट बैंक बनें। देखिए जनप्रतिनिधि कैसे आपके पास दौड़े आएंगें और आपका काम भी होगा ।