बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी महागठबंधन छोड़कर NDA में शामिल होंगे.. इसके लिए मांझी और बीजेपी के बीच बड़ी डील हुई है। बीजेपी के एक बड़े नेता ने नालंदा लाइव से बात करते हुए ये EXCLUSIVE जानकारी दी है । जिसके मुताबिक लोकसभा चुनाव को लेकर हम और बीजेपी में बड़ी डील हुई है।
क्या हुई डील
मांझी की पार्टी के विश्वस्त सूत्र ने बताया कि जीतन राम मांझी और बीजेपी में लोकसभा चुनाव को लेकर डील हुई है । जिसके तहत लोकसभा चुनाव में मांझी के बेटे संतोष सुमन को गया संसदीय सीट से टिकट दिया जाएगा और चुनाव के बाद जीतनराम मांझी को किसी राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया जाएगा । आपको बता दें कि कल ही मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। जिसके बाद से एनडीए में जाने की अटकलें तेज हो गई थी
2 महीने पहले हुई थी डील?
जीतन राम मांझी का दिल अचानक नहीं बदल गया. बल्कि इसकी पूरी स्क्रिप्ट दो महीने पहले दिल्ली में लिखी गई थी। जब जीतन राम मांझी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि इसी मीटिंग में सारा फॉर्मूला तय हो गया था। बस सही मौके का इंतजार किया जा रहा था। हालांकि मीटिंग के बाद सफाई देते जीतन राम मांझी ने कहा था कि ये मुलाकात माउंटमेन दशरथ मांझी को भारत रत्न दिए जाने की मांग को लेकर हुई थी। लेकिन राजनीतिक पंडितों ने तब ही उनके आगे की रणनीति की भविष्यवाणी कर दी थी
2024 में होना चुनाव
अगले साल यानि 2024 में लोकसभा चुनाव होना है । बीजेपी के लिए ये चुनाव काफी कठिन साबित हो रहा है। क्योंकि कास्ट फैक्टर इस बार महागठबंधन के साथ है। ऐसे में बीजेपी इन छोटी छोटी पार्टियों को खेमे में लाकर चुनाव लड़ना चाह रही है। इसलिए कुशवाहा वोट के लिए उपेंद्र कुशवाहा को बीजेपी अपने साथ ले चुकी है.. अब दलित वोट यानि मुसहर वोट के लिए जीतन राम मांझी को साधा है ।
सहनी भी होंगे शामिल
बीजेपी के सूत्रों का दावा है कि मुकेश सहनी को एक बार फिर से एनडीए का हिस्सा बनाया जाएगा। उनकी पार्टी VIP जल्द ही एनडीए में शामिल होगी। इसी साल फरवरी महीने में केंद्र सरकार ने मुकेश सहनी को ‘Y प्लस’ की सुरक्षा दी थी। मुकेश सहनी के एनडीए में शामिल होने के बाद निषाद, केवट या मल्लाह वोट बीजेपी को मिल सकती है ।
पासवान वोट पहले से बीजेपी के साथ
बीजेपी की प्लानिंग लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में दलित और महादलितों के वोट को साधने की है। केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा और सांसद चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) पहले से बीजेपी के साथ है। चाचा भतीजा में मतभेद के बावजूद दोनों पार्टियां बीजेपी का खुलकर सपोर्ट कर रही है. हालांकि पशुपति पारस और चिराग में आपस में नहीं बनती है. इसके बावजूद बीजेपी के नाम पर दोनों में सहमति दिखाई देती है।